Amreli Fake letter Scandal : सौराष्ट्र के अमरेली में एक पाटीदार युवती के मुद्दे ने भाजपा की आंतरिक गुटबाजी को उजागर कर दिया है। इस घटना की गूंज अब सूरत और पूरे गुजरात में सुनाई दे रही है। सोमवार (13 जनवरी) को सूरत के वराछा क्षेत्र में कांग्रेस द्वारा धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
धरने से पहले ही सूरत के मानगढ़ चौक में परेश धानाणी, प्रभात दूधात और अन्य 40 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने धरने के लिए अनुमति नहीं दी थी। पुलिस ने मानगढ़ चौक पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर इसे पुलिस छावनी में बदल दिया।
परेश धानाणी का बयान: “पुलिस स्टेशन में करेंगे धरना”
परेश धानाणी ने कहा, “अमरेली में पाटीदार युवती के साथ जो हुआ, उसके लिए न्याय मांग रहे हैं। हमने शांति से धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन हमें मना कर दिया गया। अगर हमें यहां अनुमति नहीं दी जाती है, तो हम पुलिस स्टेशन में ही धरना देंगे।”
200 महिलाओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की मांग की
रविवार को सूरत के पाटीदार इलाके में रैली और विरोध प्रदर्शन के बाद 200 महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने मांग की कि पायल गोटी के खिलाफ लगे आरोपों की सार्वजनिक जांच हो और सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए।
महिलाओं ने सवाल उठाया कि:
पायल गोटी का “सरघस” क्यों निकाला गया? आधी रात को उसकी गिरफ्तारी क्यों हुई? अगर इन मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो महिलाओं ने स्वाभिमान मिशन के तहत बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
क्या है पूरी घटना?
नकली लेटरपैड का विवाद अमरेली में तालुका पंचायत अध्यक्ष किशोर काणपरिया के नाम का नकली लेटरपैड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस नकली लेटरपैड में विधायक कौशिक वेकरिया पर गंभीर आरोप लगाए गए, जिससे उनके समर्थक गांधी नगर तक पहुंच गए।
जिला पुलिस ने लोकल क्राइम ब्रांच और साइबर क्राइम की टीमों के साथ जांच शुरू की। इस मामले में भाजपा के पूर्व पदाधिकारी सहित चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
यह मामला न केवल भाजपा की आंतरिक राजनीति बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था को भी सवालों के घेरे में ला रहा है। जनता और कांग्रेस इस मुद्दे पर जवाब मांग रहे हैं। देखना होगा कि प्रशासन और सरकार इस विवाद को कैसे संभालते हैं।
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