भारतीय समाज में अब ऑर्गन डोनेशन पर अवेयरनेस बढ़ती जा रही है और लोग यह समझने लगे हैं कि मरने के बाद भी किसी को जिंदा रखना सबसे बड़ा पुण्य का काम है।
यह सोचना भी मुश्किल है कि जब 21 साल के बेटे के ब्रेन डेड होने की खबर माता-पिता को मिले तो उन पर क्या गुजरती है, कुछ ऐसा ही वड़ोदरा के रनोली में रहने वाले व्यास परिवार के साथ हुआ। जहां एक सड़क हादसे में 21 साल के बेटे अनुराग व्यास को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। अकोटा के vitals अस्पताल में अनुराग का इलाज चल रहा था और ब्रेन डेड अनुराग व्यास के माता-पिता ने दो किडनी लीवर जैसे अंग डोनेट कर कई लोगों को नया जीवन दिया है।
इस मौके पर अनुराग व्यास के माता-पिता ने कहा कि हमारा बेटा तो नहीं रहा है, लेकिन उसके अंगो से दूसरों की जान बचाई जा सकती है, युवा बेटे को गंवाने वाले माता-पिता ने कहा कि दूसरों के शरीर में हमारा बेटा जिंदा रहेगा।
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