Myanmar Earthquake: म्यांमार में आए भीषण भूकंप ने पांच से अधिक देशों को हिला कर रख दिया। हालांकि, इस भूकंप का सबसे अधिक प्रभाव म्यांमार और थाईलैंड में देखने को मिला। भूकंप के कारण इन दोनों देशों की राजधानी में बड़ी संख्या में बहुमंजिला इमारतें धराशायी हो गईं। इस आपदा के चलते 186 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हजारों लोग लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मरने वालों की संख्या हजारों में हो सकती है। इसके अलावा, भारत, चीन, बांग्लादेश और ताइवान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए।
भूकंप का केंद्र और प्रभाव
म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले के नजदीक सागाइंग में शुक्रवार दोपहर 12:00 बजे 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई। भूकंप के कुछ ही मिनटों बाद 6.4 तीव्रता के आफ्टरशॉक्स भी महसूस किए गए। कुल मिलाकर, 50 मिनट के भीतर तीन बड़े झटकों ने म्यांमार को झकझोर कर रख दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 24 घंटों में और भी भूकंप आने की आशंका बनी हुई है।
राजधानी नेपीडॉ और अन्य प्रभावित क्षेत्र
म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में सैकड़ों इमारतें जमींदोज हो गईं, जिससे कई लोग मलबे में दब गए। सरकार ने नेपीडॉ और मंडाले समेत छह राज्यों में आपातकाल लागू कर दिया है। सबसे बड़े शहर यांगून में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, हालांकि वहां किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
म्यांमार पहले से ही आंतरिक संघर्षों और गृहयुद्ध की स्थिति से जूझ रहा है, जिससे राहत और बचाव कार्य में भारी दिक्कतें आ रही हैं। रेड क्रॉस के अनुसार, भूकंप के कारण बिजली के खंभे गिर गए हैं, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। वहीं, कई सड़कों के ध्वस्त हो जाने के कारण राहत कार्य बाधित हो रहा है।
थाईलैंड में भीषण तबाही
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत कुछ ही सेकंड में मलबे में तब्दील हो गई, जिससे कई मजदूर मलबे के नीचे दब गए। रक्षा मंत्री फुमथाम वेचायाचाई ने बताया कि अब तक तीन मजदूरों की मौत हो चुकी है और 90 से अधिक लोग लापता हैं।
हजारों लोगों की मौत की आशंका
एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के जियोसाइंस स्कूल के भूकंप विशेषज्ञ प्रोफेसर इयान मे ने बताया कि दोनों देशों में भूकंप से 10,000 से 1,00,000 लोगों की मौत होने की आशंका है। म्यांमार के मंडाले में स्थित एक मस्जिद पूरी तरह ध्वस्त हो गई, जहां शुक्रवार की नमाज अदा कर रहे 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, दो अन्य मस्जिदें और 90 साल पुराना एवा ब्रिज भी धराशायी हो गया।
भूकंप के इस भीषण प्रकोप के बाद दोनों देशों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना और स्थानीय प्रशासन लगातार प्रयासरत हैं। हालांकि, भूकंप के बाद की स्थिति को देखते हुए आने वाले दिनों में और भी कठिनाइयां खड़ी हो सकती हैं।

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