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बाप एक नंबरी तो बेटा दस नंबरी: वडोदरा में 20 साल का तस्कर बेच रहा था हाइब्रेज गांजा, जानें फिर क्या हुआ

वडोदरा पुलिस ने युवाओं को नशे की लत में धकेलने वाले ड्रग्स माफिया पर सख्त कार्रवाई की है। हाल ही में, शहर के तांदलजा इलाके से 20 वर्षीय आरोपी आदिब अब्दुल पटेल को गिरफ्तार किया गया, जो हाइब्रिड गांजे का व्यापार कर रहा था। विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने छापा मारकर आरोपी के घर से ₹22 लाख मूल्य का हाइब्रिड गांजा बरामद किया।

कैसे हुआ खुलासा?

तांदलजा क्षेत्र की बसील स्कूल के सामने स्थित शकीलपार्क सोसाइटी में रहने वाले आदिब अब्दुल पटेल के गांजे के व्यापार की पुख्ता सूचना वडोदरा SOG को मिली थी। इसके बाद पुलिस ने छापा मारते हुए आरोपी के घर से 734 ग्राम हाइब्रिड गांजा बरामद किया।

गांजे का स्रोत और कीमत

आरोपी से पूछताछ में पता चला कि यह गांजा गुजरात के सूरत से लाया गया था। जब्त किए गए 734 ग्राम गांजे की कीमत ₹22,02,000 है। इसके साथ ही आरोपी के पास से मोबाइल फोन और अन्य सामग्री भी बरामद हुई, जिनकी कुल कीमत ₹22,43,700 आंकी गई।

बाप-बेटे का जुर्म से रिश्ता

पुलिस के अनुसार, आदिब का पिता अब्दुल इब्राहिम पटेल पहले ही ड्रग्स के मामले में दो बार गिरफ्तार हो चुका है। साल 2020 और फरवरी 2024 में अब्दुल के घर पर छापेमारी के दौरान गांजे का जखीरा बरामद किया गया था। अब उसका बेटा आदिब न केवल पारंपरिक गांजा बल्कि विदेशी हाइब्रिड गांजा बेचने लगा था।

क्या है हाइब्रिड गांजा?

हाइब्रिड गांजा उच्च गुणवत्ता का गांजा माना जाता है, जो सामान्य गांजे से कहीं अधिक नशा देता है। इसका उत्पादन मुख्य रूप से कनाडा में होता है। पुलिस के अनुसार, हाइब्रिड गांजा भारत में डार्क वेब और कूरियर सेवाओं के जरिए तस्करी कर लाया जाता है।

अब्दुल इब्राहिम पटेल वॉन्टेड घोषित

इस मामले में आदिब के पिता अब्दुल इब्राहिम पटेल को वॉन्टेड घोषित किया गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की भी जांच कर रही है।

नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत

गुजरात जैसे राज्यों में जहां शराबबंदी लागू है, वहां ड्रग्स का कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। इस घटना ने एक बार फिर समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि युवाओं को नशे की चपेट से बचाने के लिए और सख्त कानून व जागरूकता की आवश्यकता है।

पुलिस की इस कार्रवाई से नशे के व्यापारियों में खौफ पैदा हुआ है, लेकिन इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए सतत प्रयास जरूरी हैं।