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Mohammed Rafi 100TH BDAY

महान गायक मोहम्मद रफ़ी की 100वीं जयंती, संगीत के स्वर्ण युग की यादगार जुगलबंदियां

आज हम महान गायक मोहम्मद रफ़ी की 100वीं जयंती मना रहे हैं, जिन्होंने अपनी अद्भुत आवाज़ से संगीत प्रेमियों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। रफ़ी साहब का हर गीत जैसे दिल की गहराइयों को छू जाता है।

मोहम्मद रफ़ी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को पंजाब के कोटला सुल्तान सिंह में हुआ। बचपन से ही संगीत के प्रति उनका प्रेम और लगन स्पष्ट था। उनकी आवाज़ में जो मिठास थी, वह हर उम्र, हर पीढ़ी के लोगों को अपनी ओर खींचती थी। उन्होंने 1944 में अपने करियर की शुरुआत की, और इसके बाद उनका सफर ऐसा चला कि उन्होंने लाखों दिलों पर राज किया।

रफ़ी साहब की आवाज़ की खासियत यह थी कि वह हर तरह के गानों में फिट बैठती थी। चाहे वह रोमांटिक गाना हो, देशभक्ति से भरा गीत हो, या फिर मस्तीभरा नाचने वाला नंबर—रफ़ी ने हर शैली में अपनी छाप छोड़ी। ‘बहारों फूल बरसाओ’, ‘ये रेशमी जुल्फें’, ‘अभी ना जाओ छोड़कर’ और ‘प्यार किया तो डरना क्या’ जैसे गाने आज भी उतने ही ताजगीभरे लगते हैं।

आइए, उनके 100वें जन्म दिन के खास मौके पर उनके करियर की कुछ शानदार जुगलबंदियों पर नज़र डालते हैं, जिन्होंने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयाँ दीं।

1. मन्ना डे के साथ: कला की पराकाष्ठा

मोहम्मद रफ़ी और मन्ना डे, दोनों भारतीय संगीत के स्तंभ माने जाते हैं। दोनों गायक एक-दूसरे की कला के प्रशंसक थे। रफ़ी ने मन्ना डे के गानों को अपने पसंदीदा बताया, और मन्ना डे ने रफ़ी को एक सच्चा जेंटलमैन कहा। ‘एक शोख हसीना से’ और ‘मैं हूं तेरा प्रेम और तुम हो मेरे प्राण’ जैसे 58 से अधिक गानों में इनकी जुगलबंदी ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

2. आशा भोसले के साथ: अद्भुत केमिस्ट्री

मोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले की जोड़ी ने 1950 से 1970 के दशक तक हिंदी फिल्म संगीत को खूबसूरत गानों से सजाया। उनके गाए गाने जैसे ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को’, ‘अभी न जाओ छोड़कर’, और ‘ओ हसीना जुल्फोंवाले जान-ए-जहां’ आज भी उतने ही ताजगी भरे लगते हैं। इस जोड़ी ने 70 से अधिक गाने गाए, जो श्रोताओं को हमेशा लुभाते रहेंगे।

3. लता मंगेशकर के साथ: संगीत का स्वर्णिम युग

लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी की जोड़ी ने 400 से अधिक गाने गाए, जिनमें ‘जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा’, ‘कितना प्यारा वादा है’ और ‘धीरे धीरे चल चांद’ जैसे गाने शामिल हैं। उनकी आवाज़ों में ऐसा जादू था, जो आज भी लोगों के दिलों को छू जाता है।

4. आर.डी. बर्मन के साथ: आधुनिक संगीत का संगम

आर.डी. बर्मन और रफ़ी साहब की जोड़ी ने 20 से अधिक गाने दिए, जिनमें ‘यम्मा यम्मा’, ‘चांद मेरा दिल’ और ‘तुमने मुझे देखा’ जैसे गाने श्रोताओं को आज भी थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। यह जोड़ी हर दौर के संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय है।

5. किशोर कुमार के साथ: जब दो सितारे मिले

किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी की जोड़ी ने 50 से अधिक गाने गाए। ‘हमको तुमसे हो गया है प्यार’, ‘रंग जमाके जाएंगे’ और ‘खुदा ही जुदा करे तो करे’ जैसे गानों ने श्रोताओं को एक अलग ही आनंद दिया। इन दोनों की अनोखी आवाज़ों का मेल भारतीय संगीत में दुर्लभ है।

मोहम्मद रफ़ी की विरासत

मोहम्मद रफ़ी के इन खास सहयोगियों ने उनकी आवाज़ के साथ मिलकर भारतीय संगीत को अमर बना दिया। उनके गाने आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। रफ़ी साहब को याद करते हुए हमें यह समझ आता है कि उनका योगदान केवल एक गायक तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने भारतीय संगीत को नई पहचान दी।

आइए, उनकी 100वीं जयंती पर उनके अमर गीतों का आनंद लेकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दें।