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रेपो रेट में 0.25% की कटौती: लोन सस्ते, EMI घटने की संभावना

मुंबई: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आज 7 फरवरी को एक अहम घोषणा करते हुए रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है। इस फैसले के बाद रेपो रेट 6.5% से घटकर 6.25% हो गया है। इसका सीधा असर होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन जैसे विभिन्न कर्जों पर पड़ सकता है। अब लोन सस्ते होने की संभावना है, जिससे मौजूदा EMI में भी कमी आ सकती है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के फैसलों की जानकारी दी। यह कटौती लगभग 5 वर्षों के बाद हुई है, जब मई 2020 में रेपो रेट को 4% तक घटाया गया था।

कैसे पड़ेगा EMI पर असर?

रेपो रेट में कटौती का सीधा फायदा फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा। यदि आपने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, तो आपकी EMI घट सकती है। वहीं फिक्स्ड रेट पर लोन लेने वालों के लिए यह राहत नहीं लाएगा, क्योंकि उनकी ब्याज दर पहले से निर्धारित होती है।

उदाहरण के लिए:

लोन राशि अवधि ब्याज दर EMI कुल ब्याज कुल चुकौती
20 लाख 20 वर्ष 9% 17,995 23,18,685 43,18,685
20 लाख 20 वर्ष 8.75% 17,674 22,41,811 42,41,811
30 लाख 20 वर्ष 9% 26,992 34,78,027 64,78,027
30 लाख 20 वर्ष 8.75% 26,511 33,62,717 63,62,717

फ्लोटिंग ब्याज दरें रेपो रेट के साथ बदलती रहती हैं। एक्सिस बैंक की ब्याज दरों के अनुसार:

  • फ्लोटिंग रेट: रेपो रेट + 2.50% से 2.90% (8.75% – 9.15%) प्रतिवर्ष।
  • फिक्स्ड रेट: पूरे लोन अवधि में 14% प्रतिवर्ष।

महंगाई और आर्थिक सुधार:

RBI गवर्नर ने कहा कि नई फसल के आगमन से खाद्य महंगाई में नरमी की उम्मीद है। हालांकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में चुनौतियां बनी हुई हैं और वैश्विक विकास दर औसत से नीचे है।

महंगाई से निपटने का उपाय:

पॉलिसी रेट केंद्रीय बैंक के पास महंगाई से निपटने का एक शक्तिशाली उपकरण है। जब महंगाई अधिक होती है, तो पॉलिसी रेट बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में मनी फ्लो कम किया जाता है। इससे मांग में कमी आती है और महंगाई घटती है। वहीं आर्थिक मंदी के समय पॉलिसी रेट घटाकर मनी फ्लो बढ़ाया जाता है ताकि बैंक सस्ते दर पर कर्ज दें और उपभोक्ता खर्च बढ़े।

महंगाई के मौजूदा आंकड़े:

  • दिसंबर 2024 में रिटेल महंगाई: 5.22% रही। खाने-पीने की वस्तुएं सस्ती होने से यह चार महीने के निचले स्तर पर पहुंची।
  • थोक महंगाई: 3.36% रही। आलू, प्याज, अंडे, मांस-मछली की कीमतों में वृद्धि देखी गई।

RBI का यह कदम अर्थव्यवस्था के सुधार की दिशा में सकारात्मक संकेत है। लंबे समय तक ब्याज दरों में वृद्धि के बाद यह कटौती उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आई है। खासतौर पर वे लोग जो घर या गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं, उन्हें इस निर्णय का फायदा मिलेगा। इसके अलावा छोटे व्यवसायों को भी सस्ती दर पर ऋण मिलने से व्यापारिक गतिविधियां बढ़ सकती हैं। हालांकि यह जरूरी है कि महंगाई पर भी नजर रखी जाए, क्योंकि अत्यधिक मनी फ्लो भविष्य में महंगाई को फिर से बढ़ा सकता है।

इस निर्णय से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बैंक इस कटौती का फायदा ग्राहकों तक किस हद तक पहुंचाते हैं।