28-07-2023
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2018 से जेल में बंद भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी वर्नोन गोंसाल्वेस और अरुण फरेरा को जमानत दे दी है। कोर्ट का कहना है कि ” गोंसाल्वेस और फरेरा को जमानत दिया जा रहा है क्योंकि उन्हें हिरासत में लिए हुए लगभग 5 साल बीत चुके है। ये जमानत के लिए मामला बनता है।”
गोंसाल्वेस और फरेरा 2018 से जेल में बंद हैं और बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इससे पहले इस केस में सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत खारिज हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को सरेंडर करने के लिए 3 हफ्ते का वक्त दिया था। इसके अलावा इन्हें अपना पासपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया था। इससे पहले 14 फरवरी को हाइकोर्ट ने दोनों कार्यकर्ताओं की अग्रिम जमानत खारिज की थी, और गिरफ्तारी से बचने के लिए अंतरिम संरक्षण की अवधि 16 मार्च तक के लिए बढ़ा दी थी।
अब आरोपियों को इन 5 शर्तो पर जमानत दे दी गई है।
1 दोनों आरोपी महाराष्ट्र नहीं छोड़ सकते हैं।
2 दोनों आरोपियों के पास एक-एक मोबाइल रहेगा।
3 मोबाइल फोन कभी स्विच्ड ऑफ नहीं होगा।
4 अपनी लोकेशन भी हमेशा ऑन रखेंगे।
5आरोपियों का फोन इस केस के इंचार्ज NIA अफसर से पेयर रहेगा।
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