26-07-2023
तैयब मेहता का जन्म 26 जुलाई 1925 को गुजरात के कपड़वंज कस्बे में हुआ था।तैयब मेहता बहुत कम उम्र के थे जब उनका परिवार बंबई चला गया इसलिए वो शहर में बड़े हुए। अपने बचपन के दौरान, मेहता को सिनेमा और कला के प्रति रुचि विकसित हुई। लेकिन उन्होंने यह तय नहीं किया था कि जिंदगी में आगे चलकर उनका पेशा क्या होगा। 1947 के विभाजन के दौरान, मेहता ने भीड़ के हिंसक कृत्य को देखा, जिसमें एक व्यक्ति की पत्थर मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने उन पर एक अमिट छाप छोड़ी, जिसे बाद में उन्होंने पेंटिंग के रूप में निखारा।
तैयब मेहता की एक पेंटिंग के नाम सबसे अधिक कीमत वाली भारतीय पेंटिंग होने का रिकॉर्ड है। इतना ही नहीं उनकी तीन मिनट की फिल्म ‘कूडल’ ने 1970 में फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड जीता था। पूरा डॉक्यूड्रामा बांद्रा बूचड़खाने में फिल्माया गया था। 1974 में, उन्हें फ्रांस के काग्नेस-सुर-मेर में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव प्रिक्स नेशनल से सम्मानित किया गया था। उनके कार्यों को दुनिया भर के विभिन्न प्रमुख म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया है। 2009 में, नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली में उनके शानदार करियर का आयोजन किया गया था।
2 जुलाई 2009 को तैयब मेहता को दिल का दौरा पड़ा और अंततः मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके द्वारा छोड़ी गई सबसे बड़ी विरासतों में से एक वह मूल्य टैग था जो उन्होंने भारतीय कलाओं पर लगाया था। इसने न केवल समकालीन कलाकारों के लिए एक नया द्वार खोला बल्कि दुनिया को भारतीय कलाओं की ओर देखने के लिए प्रेरित किया।
More Stories
संभल हिंसा: पत्थरबाजों के पोस्टर और नुकसान की भरपाई, योगी सरकार की सख्त कार्रवाई
भावनगर में शर्मसार कर देने वाली घटना, 4 साल की बच्ची से दुष्कर्म
अब अरबपति बन जाएगा दुनिया का हर शख्स, बस करना होगा ये काम