28-07-2023
एक समय था जब लोग लॉटरी खेलते थे।पैसे की हार जीत के इस खेल ने अब ले लिया है, ऑनलाइन गेमिंग का रूप। देश के विकास में जिस युवाधन को अपना योगदान देना चाहिए वह ऐसी गलत आदत का शिकार होता जा रहा है।
एक समय था ,जब लोग लॉटरी खरीदते थे। और निश्चित तारीख पर घोषित होते परिणाम का इंतजार करते थे।ये परिणाम अखबारों में छपते थे।पैसे की हार जीत का ये खेल किसीको रुलाता था ,तो किसी को हंसाता था। ताश के पत्तों की तरह ही यह भी एक जुआ है।लॉटरी एक बदी के रूप में फैल चुकी थी।तब सरकार ने इस पर पाबंदी लगाई।और 1987 में सार्वजनिक जुआ अधिनियम कानून लागू करने का आदेश दिया।लेकिन वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने लॉटरी प्रतिबंध का फैसला राज्य के अपने विवेक पर छोड़ दिया गया।आज देश के 13 राज्यों में अब भी लॉटरी खेलना वैध है।लेकिन आज के दौर में लॉटरी की जगह ऑनलाइन गेमिंग की बदी ने ले ली है। ऐसे ऑनलाइन गेमिंग को टीवी पर प्रमोट करते है, शाहरुख खान,अजय देवगन ,मनोज बाजपाई,कपिल शर्मा जैसे दिग्गज अभिनेता।
सामान्यतया बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक विज्ञापनों से प्रभावित होते है।बुजुर्ग तो फिर भी अपनी विवेक बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं,पर बच्चे और युवा विज्ञापनों को सही मानकर वैसा ही करना चाहते है।और वे ऑनलाइन गेमिंग करने लगते है।यह दो घड़ी का खेल कब लत में बदल जाता है, पता ही नही चलता। ऐसे खेलो के चलते आत्महत्या की खबरें भी अक्सर अखबारों की सुर्खिया बनती है।सोफे पर बैठे बैठे ऑनलाइन गेमिंग से कमाना किसे अच्छा नहीं लगता !! ये कमाई हार में भी पलट सकती है, यह,लोग नही जानते।एक ओर जहां बेरोजगारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है ,वहीं दूसरी ओर युवाधन की बौद्धिक, शारीरिक क्षमता ऑनलाइन गेमिंग के कारण क्षीण होती जा रही है ।ऐसे खेल युवाओं को निष्क्रिय बना रहे हैं ,और हाईपर भी बना रहे हैं। ये हाइपरनेस उन्हें गलत काम करने प्रेरित करती है। इसी के साथ दिन रात मोबाइल में लगे रहना सेहत को भी खराब करता है।
ऑनलाइन गेमिंग के साथ यही अभिनेता गुटखा,पान मसाला के विज्ञापनों में भी युवाधन को दुष्प्रेरणा देते है। इनमें गुटखा के प्रति भी आकर्षण बढ़ रहा है।इस गुटखे ने देश की अस्पताल,रेलवे स्टेशन,जैसी सभी सार्वजनिक जगहों को पीकदान बनाकर रख दिया है।इस गुटखे के कारण युवा मुंह के कैंसर का शिकार हो रहे है।
हाल ही में 25 जुलाई 2023 के रोज आई एक खबर के अनुसार अजय देवगन द्वारा जोखिमभरे ऑनलाइन गेमिंग का एंडोर्समेंट ,गुटखा के विज्ञापन के खिलाफ अनूठा आंदोलन किया। जिसको नाम दिया ” भीख मांगो आंदोलन” जिसके तहत उनके एक प्रशंसक ने सड़क भीख मांगनी शुरू की। क्योंकि अजय देवगन पैसों का भूखा है,उसे अधिक पैसे भीख मांगकर भेजेंगे।
अब सवाल ये उठता है, कि ऑनलाइन गेमिंग कितनी प्रोडक्टिव है !? कितनी सेफ है !?
आप क्या कहते है !? विज्ञापन करते ये दिग्गजों ने क्या अपने जीवन में अपनाया है !?
अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें। हमें आपके कॉमेंट्स का इंतजार रहेगा।
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