दुनिया भर में 2019 से फैली कोरोना महामारी से हुई मौतों का असल आंकड़ा सरकारों द्वारा जारी आंकड़ों से दो से चार गुना तक ज्यादा है। ब्रिटेन की प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर ने एक शोध के आधार पर यह दावा किया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से 55 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। नेचर में प्रकाशित एक नए शोध में दावा किया गया है कि मौतों की वास्तविक संख्या इससे कई गुना अधिक हो सकती है।
दुनियाभर में बहस जारी है कि क्या विभिन्न देश विश्व मंच पर अपनी बदनामी व छवि खराब होने के डर से कोविड-19 की मृत्यु दर को छिपाते हैं? नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट में लंदन में ‘द इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीके व आंकड़ों के आधार पर यह दावा किया है। नेचर ने दावा किया कि कोविड-19 से वास्तविक मौतें सरकारी आंकड़ों से दो और चार गुना अधिक हो सकती हैं।
नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट एक मशीन आधारित प्रक्रिया पर केन्द्रित है। इसमें संग्रहित आंकड़ों के आधार पर मौतों को लेकर यह अनुमान जताया गया है। इस शोध में दुनियाभर के देशों द्वारा कोविड-19 के शिकार लोगों की सूचना देने के तरीकों का उदाहरण देकर यह दावा किया गया है। जैसे कि नीदरलैंड्स में महामारी के आरंभिक दिनों में केवल उन्हीं लोगों को कोविड से मृत माना गया, जिन्हें संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वहां उनकी मौत हुई। दूसरी ओर बेल्जियम में सर्दी के शिकार लोगों की मौत को भी बगैर टेस्ट के कोविड-19 से मौत माना गया।
नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार कोरोना मौतों के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का पहला आकलन जल्द आने वाला है। संगठन ने कोरोना से हुई मौतों की असल संख्या पता लगाने के लिए कई विशेषज्ञों की राय ली है। इन आंकड़ों की पांच साल पहले के मौतों के आंकड़ों से तुलना की जाएगी।
गरीब देशों में 20 गुना तक ज्यादा हो सकती हैं असल मौतें
रिपोर्ट के अनुसार धनी देशों में कोरोना से असल मौतें उनके मौजूदा आंकड़ों से एक तिहाई ज्यादा हो सकती हैं। वहीं गरीब देशों में यह संख्या मौजूदा आंकड़ों से 20 गुना तक ज्यादा हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कोरोना महामारी 1918-20 के बीच आई स्पेनिश फ्लू महामारी के बाद की सबसे बड़ी महामारी है।
भारत समेत 100 देशों में अतिरिक्त मौतों के आंकड़ों का खुलासा नहीं
डब्ल्यूएमडी आंकड़ों के अनुसार रूस में 2021 के अंत तक कोरोना से 3 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी थी, लेकिन असल मौतों का आंकड़ा 10 लाख के पार हो सकता है। इसी तरह भारत व चीन समेत 100 से ज्यादा देशों में अतिरिक्त मौतों के आंकड़ों को उजागर नहीं किया गया है। इसकी वजह यह हो सकती है कि इन देशों की सरकर मौत के आंकड़े नहीं जुटा रही हैं या उनका तेजी से प्रकाशन नहीं किया जा रहा है। जबकि इन देशों में कोविड-19 से लाखों मौतें हुई हैं।
भारत में मौतों का सरकारी आंकड़ा 4.87 लाख
भारत में पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मौत का तांडव देखा गया था। देश में कोरोना की शुरुआत से अब तक 4,87,000 से ज्यादा मौतें रिपोर्ट की गई हैं। लेकिन इकॉनामिस्ट के उक्त मॉडल के आधार पर देश में 50 लाख से ज्यादा मौतों का अनुमान जताया गया है।
चीन में 4600 मौतों का दावा, नेचर का दावा 7.50 लाख मौतें हुईं
इसी तरह महामारी के केंद्र बने चीन में मौतों का सरकारी आंकड़ा 4600 बताया गया है, जबकि उक्त मॉडल के आधार पर 150 गुना ज्यादा मौतों का अनुमान है। शोध के अनुसार चीन में महामारी से 7.50 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं।
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