28-12-2022, Wednesday
सियासत, मजहब और सोशल मीडिया… कॉन्ट्रोवर्सी यहीं पनपती हैं। 2022 के अव्वल विवादों में सियासत फिर एक बार केंद्र स्थान पर ही रही। देश के 3 राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान और बिहार में सत्ता बदलने का झगड़ा,नूपुर शर्मा का विवादित बयान और फिर उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या मजहबी फसाद का नतीजा रहा।
इन सबको जमीन और खाद दी मीडिया और सोशल मीडिया ने। इन विवादों का साया 2023 में भी पड़ेगा तो पहले 2022 के टॉप-10 विवाद और फिर 2023 में इनके असर के आसार…
सबसे पहले 3 पॉलिटिकल कॉन्ट्रोवर्सी…
महाराष्ट्र में जोड़-तोड़ से बनी शिंदे सरकार की चुनौतियां कम नहीं होने वाली हैं। उद्धव ठाकरे के विधायकों को साथ लेकर, एकनाथ शिंदे ने BJP के साथ मिलकर नई सरकार तो बना ली, लेकिन महाराष्ट्र BJP के विरोध के सुर उनके सामने परेशानी ला सकते हैं। दरअसल, पार्टी के कई लोग डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस को CM पद पर देखना चाहते हैं। शिंदे के लिए सभी को जोड़कर रखना चुनौती भरा रहने वाला है।
इसके अलावा, इस पूरे घटनाक्रम में, विवादों में रहे दो मामलों का समाधान अभी तक नहीं हो सका है। पहला यह कि शिवसेना पार्टी उद्धव ठाकरे की है या एकनाथ शिंदे की और दूसरा- बागी विधायक अयोग्य हैं या नहीं। इन पर फैसला आना है।
नया साल राजस्थान में चुनावी mnसाल है, यहां कांग्रेस के लिए अपनों से ही निपटना बड़ा चैलेंज है। सचिन पायलट के CM बनने की चाह एक बार फिर अंदरूनी कलह की वजह बन सकती है। अशोक गहलोत और पायलट दोनों ही हाईकमान के करीबी हैं। किसी को भी नाराज करना चुनावी नतीजे पर असर डाल सकता है। इसलिए नया साल राजस्थान कांग्रेस के लिए संकट की घड़ी से कम नहीं है।
बिहार में नीतीश कुमार ने BJP से किनारा करके RJD के साथ मिलकर नई सरकार तो बना ली, पर उनकी चुनौतियां कम नहीं हुईं हैं। नीतीश की JDU और तेजस्वी यादव की RJD में एकजुटता नहीं दिख रही है। RJD में JDU के विलय की संभावना भी सामने आ चुकी है। हालांकि, नीतीश ने इससे इनकार किया था, लेकिन दोनों पार्टियों में एकजुटता पर संकट जरूर नजर आ रहा है।
अब बात उस एक बयान की, जिस पर इस साल खूब विवाद रहा…
नूपुर शर्मा के बयान पर विवाद करीब डेढ़ महीने तक चला। इस दौरान ‘सिर तन से जुदा’ के नारे से उकसाकर दो मर्डर हुए और हिंसा फैलाई गई। बयान के समर्थकों को अभी भी धमकियां मिलने की खबरें सामने आ रही हैं। नूपुर शर्मा के बयान से पैदा हुए इस विवाद का असर 2023 में भी देखने मिल सकता है।
अब बात उन 2 विवादों की, जो मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़े हैं…
NDTV न्यूज चैनल की ओनरशिप अब बिजनेसमैन गौतम अडानी के पास चली गई है। ऐसे में, मीडिया को सरकार के पक्ष में कहने वालों ने फिर से मीडिया पर सरकार का कंट्रोल होने पर बहस शुरू कर दी है। विवाद इस बात पर खड़ा हो गया है कि चैनल और अखबार विपक्ष की बात खुलकर कहेंगे भी या नहीं। साल 2023 में मीडिया के आगे निष्पक्ष होने को लेकर चैलेंज बना रह सकता है।
इस साल ट्विटर डील विवादों में रही। CEO एलन मस्क जिस तरह से बदलाव कर रहे हैं। इसके पूरे आसार हैं कि ट्विटर से जुड़ा विवाद 2023 में भी छाया रहेगा। दरअसल, मस्क के फैसलों ने यूजर्स को खासा परेशान किया। ब्लू टिक पर चार्ज लेना बहस का मुद्दा बन चुका है।
अब बात बॉलीवुड से जुड़े 3 विवादों की…
पठान फिल्म के ‘बेशरम रंग’ गाने में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण का पहनावा विवादों में है। धार्मिक संगठनों का कहना है कि गाने में एक्ट्रेस के पहने हुए कपड़ों का रंग धर्म विशेष से जुड़ा है। गाने से इन दृश्यों को हटाया जाना चाहिए। ऐसे में, दीपिका की ‘भगवा बिकनी’ के विवाद का असर होना तय माना जा रहा है।
फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ भी इस वर्ष विवादों में रही। बायकॉट बॉलीवुड की आवाज उठने लगी। जब भी कश्मीर या कश्मीर फाइल्स मूवी की बात हुई, तो इस तरह की फिल्मों को बायकॉट करने पर बहस शुरू हो गई। यह ट्रेंड अभी भी जारी है, जो नए साल में भी देखने मिल सकता है।
साल 2022 में एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस का नाम ठग सुकेश चंद्रशेखर के साथ जबरन वसूली के मामले में सामने आया। 2023 में भी जैकलीन की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं, क्योंकि कोर्ट में यह मामला अभी भी चल रहा है। इस फ्रॉड केस में जैकलीन को कई बार कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े हैं। उनके अलावा नोरा फतेही, जाह्रवी कपूर, सारा अली खान, भूमि पेडनेकर के नाम भी केस से जोड़े गए।
अब बात उस एक विवाद की, जो सेना में नौकरी देने से जुड़ा है..
अग्निपथ स्कीम को लेकर साल 2023 में भी विवाद होना लगभग तय है। आंदोलन खत्म होने के बाद भी जब इस स्कीम के तहत भर्तियां निकल रही हैं, तब भी यह चर्चा हो रही है कि 4 साल की नौकरी के बाद युवा क्या करेंगे। 2022 की तरह ही साल 2023 में भी भर्तियां आनी हैं। इसी वजह से विवाद भी बढ़ सकता है।
2022 का वर्ष काफी कॉन्ट्रोवर्सी और चुनौतियों भरा रहा और यह चुनौतियां 2023 में भी बनी रह सकती है।2023 में कोरोना की नई लहर भी एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है।
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