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बढ़ती महंगाई पर यह क्या बोल गईं वित्त मंत्री सीतारमण!!

20-04-22

एक ओर जहां देश में महंगाई की मार से जनता बेहाल है, तो वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्री ने सरकार का बचाव कुछ अलग ही अंदाज में किया है। भले ही यहां ईंधन, खाने का तेल, फल-सब्जियां और रोजमर्रा के सामनों के दाम आसमान छू रहे हैं। इन दिनों अमेरिका के दौरे पर गईं निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में महंगाई ज्यादा नहीं है। 

अमेरिका के वाशिंगटन में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारे सामाने कई वैश्विक चुनौतियां हैं। अंतरराष्ट्रीय कारणों और भू-राजनैतिक हालात के चलते क्रूड के भाव हों या जिंस की कीमत सभी आसमान पर हैं। इन हालातों के कारण दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हैं। सीतारमण ने कहा कि इन हालातों के बावजूद भी भारत में खुदरा महंगाई की दर 6.9 फीसदी है। जबकि, हमारा टारगेट चार फीसदी है और इसमें दो फीसदी प्लस या माइनस की गुंजाइश है। इस तरह हम टारगेट के हिसाब से छह फीसदी तक पहुंच सकते हैं। भले ही हमने इस छह फीसदी के स्तर को पार कर लिया हो, लेकिन हम अभी इससे बहुत आगे नहीं निकले हैं।

देश में महंगाई की स्थिति पर नजर डालें तो आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में खुदरा महंगाई का स्तर 6.95 फीसदी पर पहुंच गया, जो कि 17 महीने में सबसे ज्यादा उच्च स्तर है। इससे पिछले महीने फरवरी में खुदरा महंगाई 6.07 फीसदी की दर से बढ़ी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध का असर देश में बढ़ी महंगाई के रूप में सामने आया है। वहीं थोक महंगाई के मोर्चे पर भी देश की जनता को करारा झटका लगा है। मार्च महीने में थोक महंगाई दर 14.55 फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले फरवरी महीने में यह 13.11 की दर से बढ़ी थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई की मार से सबसे ज्यादा ग्रामीण जनता त्रस्त है। गांवों में खाद्य पदार्थों पर महंगाई का आलम ये है कि मार्च 2022 में बढ़कर 8.04 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे एक साल पहले की समान अवधि यानी मार्च 2021 में यह 3.94 फीसदी पर थी। यानी एक साल के भीतर ही ये दोगुने से ज्यादा बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर देश में महंगाई की स्थिति को देखते हुए कई रेटिंग एजेंसियों ने विकास दर के अनुमानों को भी संशोधित किया है। जबकि इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में महंगाई ज्यादा न होने की बात कहकर सरकार का बचाव किया है।