17-04-2023, Monday
गुजरात का वड़ोदरा कॉरपोरेशन यानी भ्रष्टाचार की खुली दुकान, यहां के हर विभाग में सरेआम भ्रष्टाचार होता है ऐसे आरोप लगातार लगते रहे हैं। ऐसा ही एक विभाग है वड़ोदरा कॉरपोरेशन का फायर डिपार्टमेंट,जिसे इमरजेंसी सेवा के नाम से जाना जाता है लेकिन यहां बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता।
सबसे बड़ा भ्रष्टाचार फायर एनओसी देने में होता है, भ्रष्टाचार की ऊपर से नीचे तक की कड़िया आपस में जुड़ी हुई है,जिसमें कांट्रेक्टर से लेकर बिल्डर,अधिकारी से लेकर बीच के छोटे-मोटे कर्मचारी भी शामिल हैं। फायर एनओसी के लिए rates जिसे आम भाषा में व्यवहार कहा जाता है वह भी पहले से तय है।प्रोफेशनल एनओसी के लिए हाई राइज बिल्डिंग को 30 हज़ार, लो राइज बिल्डिंग को 25 हज़ार देने पड़ते हैं। बिल्डिंग रेडी होने के बाद हाइट और ले आउट के तहत प्रति टावर के 5 से 10 लाख़ चुकाने पड़ते हैं।
सालों से भरता आ रहा यह पाप का घड़ा अब छलकने लगा है। फायर एनओसी देने में हुए करोड़ों रुपए के कथित भ्रष्टाचार की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो ने शुरू की है,जिससे भ्रष्टाचारी अधिकारी और कर्मचारी सकते में आ गए हैं। एसीबी ने चीफ फायर ऑफिसर पार्थ ब्रह्मभट्ट से 2021 2022 के वर्ष की फाइनल फायर एनओसी की डिटेल्स मांगी है, जो एसीबी को मुहैया तो कराई गई है, लेकिन एसीबी ने इसे अधूरा बता कर फिर से भेजने को कहा है। अगर एसीबी द्वारा निष्पक्ष रुप से Fire NOC मामले की जांच की जाती है तो पालिका के कई पूर्व और अभी के उच्च अधिकारी और यहां तक कि राजनेता भी इस जाल में फंस सकते हैं। बड़े-बड़े बिल्डर जो पैसे चूका कर फायर एनओसी के नाम पर नागरिकों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं वह भी एंटी करप्शन ब्यूरो के लपेटे में आ सकते हैं।
इस बारे में जब भी VNM टीम ने एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यालय में जानकारी हासिल करने की कोशिश की तो पता चला कि फायर ब्रिगेड को नोटिस देकर एनओसी के कागजात मांगे गए हैं। उसी तरह वड़ोदरा के हर एक बिल्डर से भी पूछताछ होगी और सभी को नोटिस दिए गए हैं,जिसमें कहा गया है कि एसीबी में आकर फायर एनओसी दिखाई जाएं।दमकल विभाग और सभी बिल्डर से मांगे गए सबूत के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा आगे की कार्यवाही की जाएगी।
कुल मिलाकर यहां यही बात सामने आ रही है कि अगर यह बात निकली है तो दूर तक जाएगी ही। ना सिर्फ अभी के अधिकारी पिछले कई अधिकारी भी भ्रष्टाचार में बड़े पैमाने पर शामिल है, ऐसे में क्या एंटी करप्शन ब्यूरो अपनी निष्पक्ष जांच को अंजाम तक पहुंचा पाएगी और अगर निष्पक्ष जांच होती है तो कौन कौन से अधिकारी, कर्मचारी और बिल्डर इसमें फंसते हैं उस पर VNM TV की नजर रहेगी।
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