20 Mar. Delhi: अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत दौरे पर हैं। उन्होंने शनिवार को सबसे पहले दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। तीन दिवसीय भारत दौरे पर शुक्रवार दिल्ली पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन थोड़ी देर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात की थी।
अमेरिकी रक्षा मंत्री के इस तीन दिवसीय दौरे पर दोनों देशों के बीच 30 घातक प्रिडेटर ड्रोन और 114 एडवांस लड़ाकू विमानों के खरीद सौदों पर बातचीत होने के आसार हैं। इसके अलावा चीन की दादागिरी, आतंकवाद की चुनौती और अफगान शांति प्रक्रिया भी दोनों देशों के बीच वार्ता में अहम मुद्दे रहेंगे।
ऑस्टिन के दौरे से जुड़ी जानकारी रखने वाले एक शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक, भारत अपनी तीनों सेनाओं के लिए अमेरिका से 30 बहुउद्देश्यीय सशस्त्र प्रिडेटर ड्रोन विमान खरीदने की योजना बना रहा है। करीब 3 अरब डॉलर की अनुमानित लागत वाले इस सौदे पर ऑस्टिन के साथ वार्ता के दौरान सहमति की मुहर लग सकती है। अमेरिका की प्रमुख रक्षा कंपनी जनरल एटोमिक्स के प्रिडेटर-बी ड्रोन विमान करीब 35 घंटे तक लगातार उड़ान भरने और जमीन से लेकर समुद्र तक कहीं भी निशाने पर बमबारी करने में सक्षम हैं।
अधिकारियों का कहना है कि भारत करीब 18 अरब डॉलर की अनुमानित लागत से 114 लड़ाकू विमान भी खरीदने की तैयारी में है। दो प्रमुख अमेरिकी रक्षा कंपनियां बोइंग और लॉकहीड-मार्टिन इस रक्षा सौदे को कब्जाने की होड़ में शामिल हैं। ऐसे में ऑस्टिन की तरफ से इसे लेकर भी पैरवी की जा सकती है। इसके अलावा ऑस्टिन के दौरे में दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान, क्षेत्रीय रक्षा समझौतों को लेकर भी बड़ी द्विपक्षीय साझेदारियों की घोषणा होने की उम्मीद है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलने के बाद शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगे। उनके विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मिलने की संभावना है। दौरे की तैयारियों से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, रविवार को अमेरिका वापस जाने से पहले ऑस्टिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल सकते हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है।
चीन के आक्रामक तेवरों का जवाब देने पर तय होगी रणनीति
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अपने समकक्ष ऑस्टिन के साथ 27 जनवरी को उनके पद संभालने के दौरान ही फोन पर बातचीत हो चुकी है। अब आमने-सामने होने वाली पहली मुलाकात में दोनों रक्षा मंत्री भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती देने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों के अलावा चीन के आक्रामक तेवरों का जवाब देने की रणनीति तय करने पर बात करेंगे।
अमेरिका पिछले वर्ष पूर्वी लद्दाख में चीन की आक्रामक घुसपैठ के बाद से ही भारत की हर मंच पर लगातार मदद कर रहा है। ऑस्टिन क्वाड समूह के चारों देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले शीर्ष सम्मेलन के कुछ दिन बाद इस दौरे पर निकले हैं। ऐसे में उनकी यात्रा का केंद्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र ही रहने की उम्मीद है, जहां चीन के आक्रामक रुख पर सभी देश आपत्ति जता चुके हैं। बाद में दोनों देशों की ओर से साझा-बयान भी जारी किए जाएंगे।
ऑस्टिन के भारत दौरे से पहले अमेरिकी सीनेट की शक्तिशाली विदेशी संबंध समिति के चेयमैन सीनेटर रॉबर्ट मेनेंडेज ने उन्हें पत्र लिखकर भारत और रूस के बीच एस-400 मिसाइल सिस्टम के सौदे का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने ऑस्टिन से यह मुद्दा और लोकतंत्र व मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दे भी भारत के सामने उठाने का आग्रह किया था। ऐसे में यह माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बातचीत में ऑस्टिन इस सौदेबाजी का मुद्दा उठा सकते हैं।
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