एक ओर जहां भारतीय प्रतिभाएं पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा रही हैं, वहीं भारतीय पर्वों को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मान्यता मिल रही है। यूनेस्को ने भारतीय त्योहार दुर्गा पूजा को अपनी ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ लिस्ट में शामिल किया है। इस फैसले के बाद पूरे देश में, खासकर बंगाल में खुशी की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनेस्को के इस फैसले की सराहना की और इसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व और उल्लास का विषय करार दिया।
जानकारी के मुताबिक, अंतर सरकारी समिति के 16वें सत्र में दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने इस लिस्ट में शामिल करने की घोषणा की। बता दें कि यूनेस्को ने दुनियाभर की कुछ खास अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की बेहतर सुरक्षा और उनके महत्व के बारे में दुनिया को जागरुक करने के लिए 2008 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची बनाई थी। दुनिया भर से आए प्रपोजल्स को लेकर यूनेस्को की समिति उनके प्रोजेक्ट्स और प्रोग्राम्स की समीक्षा के बाद इस लिस्ट में शामिल करने पर फैसला करती है। कोलकाता की दुर्गा पूजा को इस बार भारत की ओर से इस लिस्ट के लिए नामांकित किया गया था।
यूनेस्को ने अपनी साइट पर कोलकाता की दुर्गा पूजा को लेकर लिखा, ‘दुर्गा पूजा को धर्म और कला के पब्लिक परफॉर्मेंस के सबसे अच्छे उदाहरण के साथ-साथ सहयोगी कलाकारों और डिजाइनरों के लिए एक बड़े मौके के रूप में देखा जाता है। इसके आगे यूनेस्को की ओर से लिखा गया है, ‘दुर्गा पूजा के दौरान, वर्ग, धर्म और जातीयता का विभाजन टूट जाता है।’
आपको बता दें कि इस लिस्ट में साल 2016 में नवरोज और योग को भी शामिल किया गया था। इसके अलावा 2008 में रामलीला और 2017 में कुंभ मेले को भी इस लिस्ट में महत्वपूर्ण जगह मिली थी।
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