दो अक्तूबर को गांधी जयंती के अलावा देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्री का जन्म दो अक्तूबर, 1904 को हुआ था। उनकी सादगी और साहस से हर कोई परिचित है। बात 1965 के युद्ध की है जब 1962 के युद्ध में भारत चीन से हार गया था तब पाकिस्तान को भ्रम हो गया कि भारतीय सेना की बाजुओं में इतना दम नहीं। इसी सोच के साथ उसने भारत पर हमला कर दिया। उस दौरान लाल बहादुर शास्त्री द्वारा अपनाई गई रणनीति पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए काफी थी। बता दें कि वे 9 जून, 1964 को देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी वह बिन्दु हैं जिसपर आकर समाज की सभी धाराएं एकाकार हो जाती हैं। ज्ञापन और निवेदन के माध्यम से राजनीति करने वाले उदारवादी हों या आंदोलन के माध्यम से मांग पूरी करवाने की इच्छा रखने वाले उग्रवादी हों, समाज सुधार को राष्ट्रीय जागरण का माध्यम मानने वाले समाज-सुधारक हों या पुनर्जागरण की इच्छा रखने वाले सांस्कृतिक राष्ट्रवादी हों, धरती का सीना चीरकर अन्न उपजाने वाले किसान हों या जमीन पर मालिकाना हक़ रखने वाले जमींदार, कारखानों को चलाने वाले मजदूर हों या उसके मालिक, सभी महात्मा गांधी के अंदर अपना नेतृत्व देखते थे।
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