पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 की रात में तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में एक चुनावी सभा के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी।इस घटना में आत्मघाती महिला धनु सहित 14 अन्य व्यक्ति मारे गये थे और यह संभवत: पहला आत्मघाती विस्फोट था जिसमें किसी बड़े नेता की जान गयी थी।
भारत रत्न राजीव गांधी एक ऐसे कर्मयोगी रहे हैं, जिनकी जीवन यात्रा में मानवता, सहजता, सरलता, निष्छलता के कई मुकाम रहे हैं। राष्ट्रहित उनके चिंतन के केन्द्र में था। सर्वधर्म सद्भाव उनके मानस में रचा-बसा था।
राजीव गांधी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत समन्वय था। नियति ने समय के कैनवास पर उन्हें बहुत कम समय बख्शा, लेकिन इतने कम समय में भी उन्होंने इतिहास के कैनवास पर अपनी अनूठी और अमिट छाप छोड़ी।
राजीव गांधी की पुण्यतिथि को कांग्रेस ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से सेवा और सद्भावना के तौर पर मनाने के लिए कहा है और उन लोगों की मदद करने की अपील की है जो कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं।वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अपने पिता की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
उन्होंने राजीव गांधी की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ”सत्य, करुणा, प्रगति”।वहीं प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ”प्रेम से बड़ी कोई शक्ति नहीं है, दया से बड़ा कोई साहस नहीं है, करुणा से बड़ी कोई शक्ति नहीं है और विनम्रता से बड़ा कोई गुरु नहीं है।
इसी क्रम में वड़ोदरा शहर कांग्रेस द्वारा भी कांग्रेस कार्यालय में राजीव गांधी को पुष्पांजलि करते हुए उनके योगदान की सराहना की गई और सद्भावना दिवस मनाने के भाग रुप मास्क और ठंडे पानी का वितरण किया गया
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