आधुनिक युग में मौसम विभाग किसानों को इस बात की जानकारी उपलब्ध कराता है कि इस बार बारिश कैसी होगी। उसी आधार पर किसान अपनी खेती की तैयारी करते हैं,पर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सदियों से एक पक्षी किसानों को यह बताता आ रहा है कि इस बार मानसून कैसा रहेगा। किसानों का यह मित्र उनके खेतों में अपने अंडों के माध्यम से बारिश की सटीक भविष्यवाणी करता है। किसान अंडों के आधार पर बारिश का अनुमान लगाते हैं। बारिश की भविष्यवाणी करने वाले इस पक्षी का नाम है टिटहरी। जिसके अंडों की संख्या और उनकी स्थिति से पता चलता है कि बारिश कितने माह और किस तरह की होगी।लंबे समय तक टिटहरी के अंडों के स्थान और उनकी संख्या के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि यदि टिटहरी ऊंचे स्थान पर अंडे रखती है तो बारिश तेज होती है। यदि टिटहरी निचले स्थान पर अंडे देती है तो उस साल कम बारिश होती है। यदि तीन अंडे हों तो तीन माह और चार हों तो चार माह बारिश का अनुमान लगाया जाता है। अंडों का मुंह जमीन की ओर होने पर मूसलाधार बारिश, समतल स्थान पर रखे होने पर औसत बारिश और किसी गड्ढे में अंडे दिए जाने पर सूखा पडऩे का अनुमान लगाया जाता है।टिटहरी अप्रैल से जून के बीच 4 से 6 तक अंडे देती है। यदि यह जल्द अंडे दे तो इसे समय पूर्व मानसून का संकेत माना जाता है। टिटहरी बेहद चौकन्ना पक्षी है जो अपने पास आने वाले किसी भी जीव जंतु, मनुष्य को देखकर तीखा शोर करते हैं। इनकी उम्र करीब 6-15 साल मानी गई है। इनकी आंखें व चोंच का हिस्सा लाल होता है। वड़ोदरा के नवलखी मैदान में टिटहरी ने चार अंडे दिए हैं और यह इलाका वड़ोदरा का ऊंचा इलाका माना जाता है ऐसे में शहर में इस वर्ष बारिश अच्छी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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