13 Mar. West Bengal: बंगाल के सियासी घमासान में अब किसान आंदोलन भी जोर पकड़ रहा है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट आज बंगाल के दौरे पर हैं। वे शनिवार को कोलकाता के भवानीपोरा और नंदीग्राम में होने जा रहे हैं किसान महापंचायत का हिस्सा बनेंगे। 14 मार्च को सिंगूर और आसनसोल में भी किसान महापंचायत करेंगे।
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को पत्रकार परिषद का आयोजन किया और कहा कि हम बंगाल की किसानों से अपील करते हैं कि वह भाजपा का बहिष्कार करें और उसे वोट ना दें। चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा सरकार कृषि कानून वापस लेना ही पड़ेगा।
SKM ने कहा: हमारा मकसद भाजपा को सबक सिखाना
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि, हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं और ना ही लोगों से किसी पर्टिकुलर पार्टी को वोट देने की कह रहे हैं। हमारा मकसद है कि भाजपा को सबक सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के कानों तक हमारी बात पहुंचाने जरूरी है कि आगामी चुनाव में उसका नुकसान किया जाए।
कुछ कॉरपोरेट्स के हाथों देश को बेचने की कोशिश
भाजपा पर आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि, ‘सरकार कुछ कॉरपोरेट्स के हाथों देश को बेचने की कोशिश कर रही है।’ पाटकर ने लोगों से आग्रह किया कि वे सावधानी से अपने मताधिकार का प्रयोग करें। किसानों का अपमान करने के लिए केंद्र की निंदा करते हुए पाटकर ने कहा कि ब्रिटिश शासकों ने भी इसका सहारा नहीं लिया था, जिसे मौजूदा सरकार कानून का रूप दे रही है। उन्होंने बंगाल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ पास किए गए रिजोल्यूशन का स्वागत किया।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान कर रहे आंदोलन
26 नवंबर 2020 से कई किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन इस मामले का कोई हल नहीं निकल सका। जिसके बाद अब किसान मोर्चा ने चुनावों में भाजपा के खिलाफ लोगों से वोट की अपील करने का फैसला किया है।
More Stories
मोहाली में गिरी बहुमंजिला इमारत, 15 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका , बचाव कार्य जारी
43 साल बाद क्यों कुवैत दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी?
दिल्ली चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका, LG ने केजरीवाल के साथ खेला खेल