18-04-2023, Tuesday
आज विश्व ,विश्व विरासत दिन मना रहा है। यह दिन ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने के प्रति जागृति लाने के उद्देश्य के रूप में मनाया जाता है।
सन 1982 में यूनाइटेड नेशनल जनरल असेंबली ने 18 अप्रैल का दिन ,विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाने की मान्यता दी।दुनिया के सभी देशों में जस तस देश की संस्कृति को उजागर करती इमारतें और अन्य स्थल होते ही है।वक्त की मार,प्रदूषण,प्राकृतिक आपदा,मानव कृत आपदा आदि के चलते ये क्षीण होती जाती है।इन्हे संजोकर अपनी संस्कृति और इतिहास को संजोना हरेक का फर्ज है। मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जागृति लाने के उद्देश्य से ही हर वर्ष 18 अप्रैल का दिन विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाया जाता है। और इसके लिए हेरिटेज एग्जीबिशन, कल्चरल इवेंट्स, और ऐतिहासिक धरोहर के स्थलों पर प्रवास का आयोजन कर जानकारियां दी जाती है, कि कैसे इन धरोहरों को संजोया जाय।
भारत की ही यदि बात की जाए तो यहां लोगों ने इन धरोहरों को महज़ पुरानी इमारतें मान इनका दुरुपयोग किया है।गंदगी,कचरे और इनकी दीवारों पर अपनी दूषित चित्रकला उकेर कर इन्हें नष्टप्राय करते रहते है।इन मॉन्यूमेंट्स को संजोना हर व्यक्ति का फर्ज है।
हर वर्ष विश्व धरोहर दिवस को एक अलग थीम के साथ मनाया जाता है ।इस बार का थीम है ,Heritage Changes. इसी विषय को लेकर आज विश्व में जगह जगह कार्यक्रम हुए। यह धरोहरें ही हमारे इतिहास का आइना है।इसे चकनाचूर होने से बचाना हर नागरिक का कर्तव्य है।
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