नए कृषि कानूनों पर चल रहे विरोध का समाधान निकाला जा सके इस लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गयी समिति की आज पहली बैठक होगी। बैठक में तय किया जायेगा कि किसानों से कैसे बातचीत की जाए। आगे की रणनीति तैयार करने के लिए भी कमेटी कोई बड़ा फैसला सुना सकती है। यह बैठक दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में की जायेगी।
एक सदस्य ने कमेटी से पीछे हटाए कदम
न्यायलय ने 12 जनवरी को 4 सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया था, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान, इंटरनेशनल पॉलिसी एक्सपर्ट डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट अशोक गुलाटी और शेतकरी संघटना, महाराष्ट्र के अनिल घनवट का नाम था। कमिटी के मेंबर्स के नाम का ऐलान होते ही किसानों ने इसे सरकार के समर्थन वाली समिति बता दिया। मामले ने तूल पकड़ा तो भूपिंदर सिंह मान ने अपना नाम वापस ले लिया था। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट मान सिंह की जगह किसी और को समिति में जगह दे सकता है।
समिति के सदस्य अनिल घनवट बोले कि, ‘अगर सुप्रीम कोर्ट कोई नया सदस्य नियुक्त नहीं करती है तो मौजूदा सदस्य अपना काम करेंगे। हमें क्या-क्या करना है इसकी जानकारी कोर्ट से मिल गई है। उसी के अनुसार, 21 जनवरी से इस पर काम शुरू कर देंगे। इसकी रणनीति तैयार करने के लिए मंगलवार को बैठक हो रही है।’
भूपिंदर मान ने कारण देते हुए कहा था, ‘चार लोगों की कमेटी में मुझे जगह दी गई, इसके लिए मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। लेकिन, एक किसान और यूनियन लीडर होने के नाते आम लोगों और किसानों की आशंकाओं को देखते हुए, मैं इस कमेटी से अलग हो रहा हूं। मैं पंजाब और किसानों के हितों से समझौता नहीं कर सकता हूं। इसके लिए मैं किसी भी पद को कुर्बान कर सकता हूं और हमेशा पंजाब के किसानों के साथ खड़ा रहूंगा।’
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