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राज्यसभा से स्वपन दासगुप्ता का इस्तीफा

16 Mar. West Bengal: पश्चिम बंगाल का सियासी घमासान अब संसद तक पहुंच गया है। TMC मंगलवार को राज्यसभा में सांसद स्वपन दासगुप्ता की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव लाने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही उन्होंने राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। स्वपन दासगुप्ता ने अपना इस्तीफा राज्यसभा चेयरमैन को भेज दिया है।

तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि दासगुप्ता मनोनीत सांसद हैं। ऐसे में उनका BJP की ओर से चुनाव लड़ना संविधान के खिलाफ है। दरअसल, बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बंगाल की राजनीति के बड़े चेहरे स्वपन दासगुप्ता को हुगली की तारकेश्वर विधानसभा सीट से टिकट दिया है, जिसका TMC विरोध कर रही है।

महुआ मोइत्रा ने मुद्दा उठाया

TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर कहा कि दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए भाजपा के उम्मीदवार हैं, जबकि संविधान की 10वीं अनुसूची कहती है कि राज्यसभा का मनोनीत सांसद शपथ लेने और उसके 6 महीने की अवधि खत्म होने के बाद अगर किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है, तो उसे राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

नस्लवाद पर उठे सवालों का विदेश मंत्री ने दिया जवाब

इससे पहले राज्यसभा में सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में नस्लवाद के मुद्दे पर जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि हम इन घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। महात्मा गांधी की धरती से होने के कारण हम नस्लवाद से आंखें नहीं फेर सकते हैं। खासतौर पर उस देश में जहां, भारतीय प्रवासी बड़ी तादाद में रहते हैं। UK के साथ हमारे रिश्ते मजबूत हैं, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम ऐसे मामलों को उनके सामने उठाएंगे।

दरअसल, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय मूल की अध्यक्ष रश्मि सामंत को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। रश्मि के अध्यक्ष बनने के बाद उनकी एक पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो गई थी। उस पोस्ट को आधार बनाकर रश्मी को नस्लवादी और असंवेदनशील बताया गया था और दबाव बढ़ने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था।

बता दें कि यह सेशन 8 अप्रैल तक चलेगा। दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 से शाम 6 बजे तक चल रही है। इस दौरान राज्यसभा के सदस्य राज्यसभा और गैलेरी में ही बैठेंगे। इसके अलावा लोकसभा की कार्यवाही भी पहले की तरह ही जारी रहेगी। कोरोना की वजह से दोनों सदनों को दो शिफ्ट में चलाया जा रहा था।

बजट सत्र के पहले चरण के दौरान लोकसभा में 99.5% कार्य हुआ था। इस दौरान, लोकसभा कार्यवाही 50 घंटे की जगह 49.17 मिनट चली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 16.39 घंटे तक की गई। बजट पर चर्चा के लिए 10 घंटे तय थे, लेकिन सदन में बहस 14 घंटे तक हुई।