देश में जारी कोरोना संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बड़ा एक्शन लेते हुए ऑक्सीजन और दवाओं के वितरण के लिए टास्क फोर्स बनाई है। देश इस समय कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है। संक्रमण की तेज दर के साथ देश में ऑक्सीजन की कमी ने स्थिति और गंभीर कर दी है।
अब से ये टास्क फोर्स राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऑक्सीजन और दवाओं के वितरण की जिम्मेदारी संभालेगी।कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में दवाइयों और ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक टास्क फोर्स बनाई है। सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने टास्क फोर्स के सभी सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से बात की है। माना जा रहा है कि एक सप्ताह के अंदर यह टास्क फोर्स काम शुरू कर देगी।
टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट केंद्र औक अदलत के पास जमा करेगी लेकिन इसकी सिफारिशें सीधे सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएंगी। यह टास्क फोर्स दवाइयों की उपलब्धता के लिए जरूरी उपायों पर सुझाव देगी। साथ ही राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई करने का वैज्ञानिक और व्यावहारिक फार्मूला भी तैयार करेगी। बता दें कि कोरोना महामारी के मद्देनजर देश के ज्यादातर राज्य ऑक्सीजन और जरुरी दवाओं की भारी किल्लत से गुजर रहे हैं।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस संकट पर पिछले कई दिनों से नजर बनाए हुए है और शनिवार को आखिरकार उसने अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में ऑक्सीजन और जरुरी दवाओं के आवंटन के लिए 12 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। कोरोना के मरीजों की संख्या अचानक तेजी से बढ़ने से देश भर में दवाओं और ऑक्सीजन की किल्लत हो गई थी। कई हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन खत्म होने से मरीजों की मौत की घटनाएं भी हुईं। इसे देखते हुए सरकार ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने के साथ ही विदेशों से ऑक्सीजन प्लांट मंगाए। इसके बावजूद कई राज्यों में समस्या दूर नहीं हुई। अब समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह पहल की है।
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