01-05-2023, Monday
एक राज्य के रूप में गुजरात 1 मई 1960 को बॉम्बे प्रांत से अलग होने के बाद बनाया गया था। गुजरात के स्थापना दिवस का राज्य स्तरीय समारोह 2003 से बारी-बारी से विभिन्न जिला मुख्यालयों में आयोजित किया जा रहा है।
आजादी के कुछ सालों बाद ही गुजरात राज्य को अलग करने की मांग उठने लगी थी। साल 1955-56 के आसपास इस मांग ने जोर पकड़ा। तब केंद्र में जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। शुरुआत में उन्होंने इस मांग को अनदेखा किया, लेकिन जब गुजरात में अलग राज्य की मांग और उग्र हुई तो फिर केंद्र और बॉम्बे राज्य की सरकार को तत्कालीन मांग स्वीकार करनी पड़ी। इसके साथ 1 मई को दोनों राज्य अस्तित्व में आए। जिस भाग में गुजराती भाषा बोली जाती थी, उसे गुजरात का हिस्सा बनाया गया और जो भाग मराठी भाषी था, उसे महाराष्ट्र में रखा गया।
इस वर्ष यह समारोह जामनगर में आयोजित किया गया।जिसमें 303 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं को लोगों को समर्पित किया गया और अन्य विकास कार्यों की आधारशिला मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा रखी गई।
जामनगर जिला प्रशासन के अनुसार, विभिन्न जिला पुलिस के 19 दस्ते, गुजरात पुलिस के महिला दस्ते, गांधीनगर के चेतक कमांडो, एसआरपी के 800 जवानों का बैंड स्क्वाड और घुड़सवार सेना ने परेड में भाग लिया।यह दस्ते परेड के दौरान रोमांचक स्टंट भी करते नजर आये।
स्टंट में बाइक पर स्टैंडिंग सैल्यूट, वैलेंस स्टंट, बाइक पर योग, बाइक पर चार महिलाओं का बैलेंसिंग एक्ट, बाइक पर पिस्टल की स्थिति, बाइक पर राष्ट्रीय ध्वज, बाइक पर कमल की प्रतिकृति और बाइक पर रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिकृति शामिल थी।सांस्कृतिक कार्यक्रम में गुजरात के विभिन्न हिस्सों के लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए। हलार क्षेत्र की संस्कृति को दर्शाने वाला लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया। जामनगर और देवभूमि द्वारका का क्षेत्र हलार पंथक के नाम से जाना जाता है।
गुजरात पुलिस की महिला कर्मीने गुजरात की पहचान (गौरव) को दर्शाने वाला गरबा भी किया।राजकोट में एसआरपी ग्रुप की महिला कर्मीने हलार क्षेत्र की संस्कृति को दर्शाने वाला डांडिया रास किया।जेल पुलिस और एसआरपी के जवानों ने उत्तर गुजरात का लोकनृत्य रामल किया। इसके साथ ही वड़ोदरा की टीमने आदिवासी नृत्य पेश किया।
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