गुजरात में लंबे समय तक अदूषित तटरेखा और मछली और शंख मछली की अंतहीन आपूर्ति है। लेकिन अतीत में सख्त जैन धर्म और आज रूढ़िवादी हिंदू धर्म ने व्यापक शाकाहार को प्रोत्साहित किया है। गुजराती व्यंजन अधिक मसालेदार नहीं होते हैं, लेकिन पड़ोसी राज्यों के व्यंजनों की तुलना में थोड़े मीठे होते हैं।
गुजराती भोजन विशिष्ट रूप से शाकाहारी है और इसकी लगभग 65% आबादी मांस से परहेज करती है। राज्य की शेष 35% आबादी में बोहरा मुस्लिम और पारसी हैं। बोहरा मुसलमान अब्दुल्ला के अनुयायी हैं जो मुस्लिम धर्म अपनाने वाले हिंदू थे। दूसरी ओर पारसी व्यंजन पश्चिमी प्रभावों का मिश्रण है।
सामग्री
हरे चने १ कप
चावल १/२ कप
आलू छिले और चौथाई भाग २ छोटे
गाजर १/२ इंच के टुकड़े २ छोटे
फ्रेंच बीन्स १/२ इंच के टुकड़े १०
हरे मटर १ कप
फूलगोभी कटे हुए १/२(आधा) मध्यम
घी ४ बड़े चम्मच
हींग चुटकी भर
हरी मिर्च कटी हुई २
जीरा १ छोटा चम्मच
हल्दी पाउडर १/२(आधा) छोटा चम्मच
नमक स्वादअनुसार
काली मिर्च पाउडर १/२(आधा) छोटा चम्मच
ताजा हरा धनिया कटा हुआ कुछ टहनी
तरीका
चरण 1
चावल और दाल को एक दो बार धो लें। एक साथ चार कप पानी में पंद्रह मिनट के लिए भिगो दें। छानकर एक तरफ रख दें। एक पैन में दो बड़े चम्मच घी गरम करें, उसमें हींग, कटी हुई हरी मिर्च और जीरा डालें।
चरण दो
जब बीज रंग बदलने लगे तब आलू, गाजर, फ्रेंच बीन्स, हरे मटर, फूलगोभी के फूल डालकर दो मिनिट तक भूनें। चावल और दाल डालकर दो से तीन मिनट तक भूनें।
चरण 3
चार कप गर्म पानी, हल्दी पावर, नमक और काली मिर्च पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। जब पानी में उबाल आ जाए तो ढककर मध्यम आंच पर पकने तक पकाएं।
चरण 4
कटे हरे धनिये से सजाकर बचा हुआ घी डालें और गरमागरम परोसें।
More Stories
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, खत्म हुई ‘No Detention Policy’, जानें क्या हुए बदलाव
पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाली शूटर मनु भाकर को ‘खेल रत्न’ की लिस्ट से क्यों किया गया बाहर?
नालंदा की वो मस्जिद जिसकी देखभाल करते हैं हिंदू, सांप्रदायिक सद्भावना की अद्भुत मिसाल