09 Feb. Delhi: राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आज़ाद का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रधानमंत्री के आंसू छलक पड़े। भावुक होकर मोदी ने अपने और नबी के दोस्ताना रिश्तों और कार्यकाल की बातें याद की। कश्मीर में हुई एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए मोदी कई बार रुके, रोए और आंसू पोंछे, और फिर थरथराते शब्दों में अपनी बात को रखा। उन्होंने कहा कि, ‘आज़ाद उस समय इस तरह से फिक्रमंद थे, जैसे कोई अपने परिवार के लिए होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘एक बार मैं और गुलाम नबी जी लॉबी में बातचीत कर रहे थे। पत्रकार ये देख रहे थे। जैसे ही बाहर आए, उन्होंने घेर लिया। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे बीच वाद-विवाद होता है। लेकिन, ये परिवार है और हम अपना सुखदुख बांटते हैं। गुलाम नबी जी ने बंगले में जो बगीचा बनाया है, वो कश्मीर की घाटी की याद दिला दे। ये उसे समय देते हैं और नई-नई चीजें जोड़ते हैं। उन्होंने अपनी सरकारी आवास को भी इतने प्यार से संभाला है। हमारी निकटता रही है। शायद ही ऐसी कोई घटना मिल सकती है, जब हमारे बीच संपर्क सेतु न रहा हो।’
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— BJP (@BJP4India) February 9, 2021
मोदी ने कश्मीर के किस्सों को याद करते हुए एक आतंकवादी हमले का जिक्र किया, जिसमें गुजरात के लोग मारे गए थे। मोदी बोल, ‘इस आतंकी हमले के बाद सबसे पहले मेरे पास गुलाम नबी जी का फोन आया। ये फोन सिर्फ सूचना देने के लिए नहीं था। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे फोन पर। उस समय प्रणब मुखर्जीजी डिफेंस मिनिस्टर थे, मैंने उन्हें फोन किया कि अगर फोर्स का हवाई जहाज मिल जाए शव लाने के लिए। उन्होंने कहा कि मैं व्यवस्था करता हूं। रात में फिर गुलाम नबी जी का फोन आया। उस रात को उन्होंने फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता की जाती है, वैसी चिंता उन्होंने की।’
राज्यसभा में मंगलवार आतंकी घटना का जिक्र किया गया था उसे कहते हुए प्रधानमंत्री रो पड़े तो वहीं उसी घटना को याद कर गुलाम नबी आजाद भी भावुक हो गए। आजाद ने बताया कि जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में जब गुजरात के पर्यटक को की मौत हुई तो उन पर क्या गुजरी थी। कहा कि एयरपोर्ट पर बच्चे मेरे पैरों से लिपट गए और मैं चीख पड़ा, या खुदा यह तूने क्या किया।
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