वह दिन दूर नहीं जब आपके नौनिहालों को विदेशी भाषा सिखने के लिए किसी कोचिंग या अलग पढ़ाई करने की जरूरत नहीं होगी। जल्द ही स्कूलों में कुछ विदेशी भाषाएं भी सिखाई जाएंगी, भले ही पढ़ाई का माध्यम भारतीय भाषा या फिर अंग्रेजी ही क्यों न हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई सिफारिश के बाद सरकार ने इस दिशा में पहल तेज कर दी है। फिलहाल जिन प्रमुख विदेशी भाषाओं को सिखाने की योजना बनाई गई है, उनमें जर्मन और फ्रेंच के साथ कोरियाई, जापानी, स्पेनिश, पुर्तगाली और रूसी जैसी भाषाएं शामिल हैं। स्कूलों में विदेशी भाषाओं को सिखाने की यह पहल वैसे तो कोई नई नहीं है, पहले से ही जर्मनी और फ्रांस के साथ हुए शैक्षणिक करार के तहत केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों के साथ सीबीएसई के कुछ चुनिंदा स्कूलों में जर्मन और फ्रेंच भाषा सिखाई जाती है। अब छात्रों को स्कूलों में और भी विदेशी भाषाओं को सिखने का विकल्प मिलेगा। यह सुविधा केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों के साथ ही धीरे-धीरे CBSE के सभी स्कूलों और राज्यों में खोले जाने वाले आदर्श स्कूलों में मुहैया कराई जाएगी।
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