CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Tuesday, November 19   6:26:51

बजट 2022 -23 में शिक्षा का स्थान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने संसद में बजट प्रस्तुत करते हुए शिक्षा क्षेत्र में डिजीटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने का एलान किया है. यह विश्वविद्यालय ऐसे भारतीय छात्रों को सशक्त करेगा जो किसी कारण ऑफलाइन शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते।
डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से विद्यार्थी अपने घर पे बैठ के शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।

कोरोना काल में टेक्नोलॉजी की शक्ति से विश्व भर में छात्र घर पर बैठ कर ऑनलाइन माध्यम से सीख्शा ग्रहण कर रहे है. भारतीय छात्रों क लिए ऑनलाइन माध्यम को अपनाने में थोड़ा समय लगा था, जिसका कारण टेक्नोलॉजी में अज्ञानता का होना था. इस अज्ञानता को हटाने में स्वयं शिक्षकों को भी समय लगा था. ऑनलाइन माध्यम के ज़रिये शिक्षा प्रदान करने में सबसे बड़ी बाधा हमारे देश का डिजिटल डिवाइड है. डिजिटल डिवाइड अर्थात देश में टेक्नोलॉजी से जुडी असमानता , जिसका कारण कुछ हिस्सों में मोबाइल, कंप्यूटर और नेटव्रक की असुविधा है, और यदि ये सुविधा उपलब्ध है तो, उसका खर्चा उठाने का सामर्थ्य अनुपस्तिथ है.
यही कारण है की भारत्त सरकार की यह योजना व्यर्थ साबित हो सकती है यदि सरकार नै इस डिजिटल डिवाइड को दूर नहीं किया तो.

बजट में शिक्षा सम्बंधित दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय विश्व के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय
भारत में लाने का किया गया है.

इसके क्या मायने है?

अगर भारत में उच्चस्तरीय विश्वविद्यालय आएंगे तो निश्चित रूप से भारत में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा जिसका कारण भारत और विदेशी विश्वविद्यालय के बीच लगातार सबसे ऊपर रहने की प्रतियोगिता होगी.

यहाँ सबसे महत्वपूर्ण प्रशन यह है कि क्या भारतीय विद्यार्थी इन विदेशी विद्यालयों में दाखिला लेने में सक्षम होंगे? आज के समय में विदेशी विश्वविद्यालय भारतीय विश्वविद्यालय के मुकाबले में मेहेंगी है । जो भारतीय विध्यार्थी विदेश पढ़ने जाते है वो या तो छात्रवृत्ति के वजह से जाते है या फिर वह अच्छी आय वाले परिवार से होते है अन्यथा विद्यार्थियों को कर्ज़ा लेकर पढाई करनी पड़ती है. यदि ये विश्ववद्यालय भारत में आएंगे तो इनकी फीस सिर्फ उच्च श्रेणी के परिवार से आये हुए विद्यार्थी ही देने में सक्षम होने, अन्य विद्यार्थियों को बैंक ऋण(लोन) लेकर दाखिला लेना पड़ेगा.

सौ बात की एक बात यह है की भारत में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए पहले गरीबी का स्तर काम करना पड़ेगा जिससे विद्यार्थी उत्तम शिक्षण प्राप्त कर पाएंगे