06 Mar. Pakistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को संसद में सत्ता बचाने की बड़ी परीक्षा में कामयाबी हासिल कर ली है। लगभग एक घंटे तक चले विश्वास मत की प्रक्रिया में इमरान खान के समर्थन में वोट 178 वोट पड़े। जबकि प्रधानमंत्री इमरान खान को अपनी कुर्सी बचाने के लिए नेशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत थी। नेशनल असेंबली के स्पीकर ने घोषणा कर बताया कि इमरान खान की कुर्सी सुरक्षित है।
इमरान खान ने कहा, ‘चुनाव सुधार की ओर बढ़ रहे’
‘विश्वास मत’ हासिल करने के बाद इमरान खान ने करीब 45 मिनट तक सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा,’ पाकिस्तान के विकास को कोई नहीं रोक सकता है। हम चुनाव सुधार के दिशा में भी काम कर रहे हैं। अब विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी भी वोट कर सकेंगे। इसके अलावा अब हम इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोटिंग कराने पर काम कर रहे हैं। ऐसा होने पर जो हारेगा उसे अपनी हार माननी पड़ेगी।
वहीं, असेंबली में विपक्ष के सदस्यों ने फ्लोर टेस्ट का बायकॉट किया। वोटिंग से पहले सीनेट चेयरमैन ने विपक्ष के सदस्यों को असेंबली में आने के लिए 5 मिनट का मौका दिया था, लेकिन कोई सदस्य वहां नहीं पहुंचा। इसके बाद असेंबली के सारे दरवाजे बंद करके वोटिंग हुई। विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। विश्वास मत हासिल करने के लिए इमरान सरकार को 172 वोट चाहिए थे, लेकिन उन्हें 178 वोट मिले। अर्थात इमरान ने 6 वोट ज्यादा हासिल किये। नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने इसका ऐलान किया। कहा, जब इमरान खान सत्ता में आए थे तो उनके पास 176 वोट थे, लेकिन आज 178 हो गए हैं।
इस्लामाबाद के जर्नलिस्ट सैयद तलत हुसैन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें कुछ लोग विपक्षी नेता से बदसलूकी करते दिख रहे हैं।
The assault video. pic.twitter.com/3rjYVC9qOc
— Syed Talat Hussain (@TalatHussain12) March 6, 2021
शनिवार को विपक्ष के नेता रहमान ने दावा किया कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने जो सेशन बुलाया है, उसका मतलब है कि PM इमरान खान ने बहुमत का विश्वास खो दिया है। इसलिए उन्हें विश्वास मत हासिल करने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति नेशनल असेंबली के सत्र को बुलाने की बात करते हैं, तो यह विपक्ष के रुख को मजबूत करता है। रहमान ने कहा कि इस सेशन का कोई राजनीतिक महत्व नहीं होगा। इमरान सरकार को देश की प्रतिनिधि सरकार नहीं माना जाएगा।
हाल ही में हुए सीनेट चुनाव में विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार पूर्व प्रधान मंत्री सैयद यूसुफ रजा गिलानी ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को हरा दिया। यह नतीजा इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि उनकी पार्टी और उसके सहयोगी नेशनल असेंबली में बहुमत में हैं। इसका यह है कि मतलब कुछ सदस्यों या सहयोगियों ने उनके पक्ष में वोट नहीं किया।
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