उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 25 से 50 लाख रुपये में वोट खरीदने के आरोप लग रहे हैं। कुछ लोग तो नोटों की गड्डी लेकर पुलिस के पास पहुंचे और बताया कि उन्हें किसी माफिया ने वोट देने के लिए जबरदस्ती नोट दिए हैं। वहीं दूसरी तरफ 21 जिलों में बीजेपी उम्मीदवार निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए हैं। वे उन जिलों में भी बन गए हैं, जहां बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिली हैं और उन जिलों में भी जहां उसे सिर्फ 12 फीसदी वोट मिले हैं।
अब तक 22 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं, इनमें से एक समाजवादी पार्टी और 21 बीजेपी से हैं। तमाम जिलों में बहुत कम सीटें मिलने के बावजूद बीजेपी निर्विरोध जीत गई। बीजेपी को गोरखपुर में 68 में से 20, गोंडा में 65 में से 17, वाराणसी में 40 में से 8, बुलंदशहर में 52 में से 10, आगरा में 51 में 18, बहराइच में 63 में 14, शाहजहांपुर में 47 में 9 और सहारनपुर में 49 में 14 सीटें मिली हैं, लेकिन ये सारी सीटें बीजेपी निर्विरोध जीत गई।
यूपी पंचायत चुनाव में अभी माहौल गरमाया हुआ है। आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनने वाले जिला पंचायत सदस्यों का एक-एक वोट 25 से 50 लाख रुपये में खरीदा जा रहा है और ब्लॉक प्रमुख चुनने वाले क्षेत्र पंचायत सदस्यों का वोट 25 हजार से डेढ़ लाख रुपये में। घूस के नोटों की गड्डियां लेकर दर्जनभर लोग गाजीपुर में पुलिस के पास पहुंच गए। कहते हैं कि एक उम्मीदवार ने इन्हें मिठाई भिजवाई। जब डिब्बा खोला तो नोटों की गड्डियां निकलीं। लोकतंत्र वाले भारत देश में इस तरह नोट के बदले वोट से लोकतंत्र मरता जा रहा है, जो देश के लिए एक चिंता का विषय है।
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