आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस यानी National Press Day है. पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है. भारत एक लोकतंत्र देश है. और यह दिवस भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी का प्रतीक है। दुनिया में करीब 50 देशों में प्रेस क्लब या मीडिया परिषद है। भारत देश में प्रेस को वॉचडॉग कहा गया है। पत्रकारिता को देश का चौथा स्तंभ कहा गया है, क्योंकि लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी है। संविधान की पुस्तक में अनुच्छेद -19 के तहत ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ यानी Right to Expression के मूल अधिकार है।।
आइए सबसे पहले जानते हैं की क्यों मनाया जाता है National Press Day।
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है. साथ ही ये दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है. प्रेस की आजादी के महत्व के लिए दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है.
प्रथम प्रेस आयोग ने भारत की प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने और पत्रकारिता में उच्च आदर्श स्थापित करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की गई थी. परिणामस्वरुप, भारत की 4 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना हुई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना औपचारिक कामकाज शुरू किया. तब से हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रैस दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इसके चलते सरकारों को पत्रकारों की सेफ्टी भी सुनिश्चित करनी चाहिए. जबकि वर्तमान समय में जर्नलिस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होने के कारण आए दिन पत्रकारों की हत्या की खबरें अखबार की सुर्खियों में देखने को मिलती है. जो कि सभ्य समाज के लिए शर्म की बात है.
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