06 Mar. America: अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की ओर से मंगल ग्रह पर पर्सीवरेंस रोवर भेजा गया, जो शुक्रवार को पहली बार अपनी लैंडिंग वाली जगह से आगे बढ़ा। करीब 21.3 फीट तक टेस्ट ड्राइव की। इससे मंगल की मिट्टी पर उसके पहियों के निशान भी बने। NASA ने इन निशानों की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की है।
NASA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस टेस्ट ड्राइव में हमने पर्सीवरेंस के सभी सिस्टम, सबसिस्टम और उपकरणों की जांच की। उन्होंने बताया कि पर्सीवरेंस ने जहां से अपना मिशन शुरू किया, अब उसे ‘ऑक्टिविया ई बटलर लैंडिंग’ नाम दिया गया है। यह नाम एक साइंस फिक्शन ऑथर के नाम पर रखा गया है।
बयान में कहा गया कि, रोवर जब अपने साइंस गोल के लिए मार्स पर काम करना शुरू करेगा, तो हमें उम्मीद है कि यह रेगुलर 656 फीट यानी 200 मीटर का सफर तय करेगा। पर्सीवरेंस रोवर मोबिलिटी टेस्टबेड इंजीनियर अनायस जारिफायन ने कहा कि यह हमारे लिए पहला अनुभव था। रोवर के 6 पहिए बढ़िया काम कर रहे हैं। यह हमें अगले 2 साल तक साइंस की दुनिया में ले जाने में कामयाब होगा।
पर्सीवरेंस रोवर को चलाने और टेस्टिंग की यह प्रोसेस करीब 33 मिनट तक चली। पहले वह 13 फीट चला फिर 150 डिग्री लेफ्ट टर्न लेकर वह करीब 8 फीट पीछे आया। अब वह अपने टेम्परेरी पार्किंग स्पेस में है।
पानी की खोज और जीवन की पड़ताल करेगा पर्सीवरेंस रोवर
पर्सीवरेंस और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। यह जमीन के नीचे जीवन के संकेतों के अलावा पानी की खोज और उनसे संबंधित जांच भी करेगा। इसका मार्स एनवॉयर्नमेंटल डायनामिक्स एनालाइजर (MEDA) मंगल ग्रह के मौसम और जलवायु का अध्ययन करेगा।
मंगल पर भेजे गए पर्सीवरेंस रोवर के लेटेस्ट वीडियो और आवाज रिकॉर्ड करने के लिए 23 कैमरे और दो माइक्रोफोन लगाए गए हैं। रोवर के साथ दूसरे ग्रह पर पहुंचा पहला हेलिकॉप्टर Ingenuity भी है। इसके लिए पैराशूट और रेट्रोरॉकेट लगे हैं। इसके जरिए ही स्मूद लैंडिंग हो सकी। अब रोवर दो साल तक जजीरो क्रेटर को एक्सप्लोर करेगा।
More Stories
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, खत्म हुई ‘No Detention Policy’, जानें क्या हुए बदलाव
पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाली शूटर मनु भाकर को ‘खेल रत्न’ की लिस्ट से क्यों किया गया बाहर?
नालंदा की वो मस्जिद जिसकी देखभाल करते हैं हिंदू, सांप्रदायिक सद्भावना की अद्भुत मिसाल