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Saturday, September 14   7:44:23
Malaysian Flight MH370

10 साल पहले 240 यात्रियों के साथ लापता मलेशियाई विमान का रहस्य सुलझा! वैज्ञानिकों का बड़ा दावा

दुनिया की सबसे रहस्यमयी ऐविएशन मिस्ट्री अब सुलझती हुई नजर आ रही है। 10 साल पहले 240 यात्रियों को लेकर लापता हुए मलेशियाई विमान का रहस्य आज सुलझने का दावा किया जा रहा है। और ये दावा ऑस्ट्रेलिया की तस्मानिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है। यहां के वैज्ञानिक मलेशियाई फ्लाइट MH370 का पता लगाने में सफल हो गए हैं।

वैज्ञानिक द्वारा दावा किया जा रहा है कि विमान समुद्र में हजारों फीट गहराई में है। विमान दक्षिण हिंद महासागर में 6000 मीटर की गहराई पर एक खाई में है। तस्मानिया विश्वविद्यालय के समुद्री और अंटार्कटिक अध्ययन संस्थान के वैज्ञानिक विंसेंट लिन ने कहा कि खाई वह जगह है जहां पेनांग हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद पायलट ने सिम्युलेटर की दिशा बदलकर और उड़ान को गलत दिशा में ले जाकर रास्ता काट दिया था। इसके बाद यह उड़ान राडार पर नजर नहीं आई और आज तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

8 मार्च 2014 को गायब हुआ था विमान

वैज्ञानिकों ने कहा कि विमान पठार से बनी एक पहाड़ी पर 20,000 फीट गहरे समुद्र में गायब हो गया और पहाड़ी पर 6,000 मीटर गहरे गड्ढे में गिर गया। यह उबड़-खाबड़ जगह है और इस वजह से विमान फिसलकर गहराई में चला गया। अगर मलेशिया सरकार इस इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाती है तो विमान का मलबा मिल सकता है।

आपको बता दें कि 8 मार्च 2014 को मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 ने 240 यात्रियों के साथ कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी। विमान में अधिकतर यात्री चीन के थे, लेकिन उड़ान भरने के 40 मिनट बाद ही फ्लाइट ऑस्ट्रेलिया के पास दक्षिण हिंद महासागर में वियतनामी हवाई क्षेत्र में गायब हो गई। तीन देशों की बचाव टीमों ने हिंद महासागर के 120,000 वर्ग किलोमीटर (46,000 वर्ग मील) की खोज की लेकिन विमान का कोई निशान नहीं मिला।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब फ्लाइट वियतनाम के ऊपर थी तो फ्लाइट के कैप्टन जहरी अहमद शाह ने एटीसी को संदेश भेजा- ‘शुभ रात्रि, मलेशियाई 370’, जिसके बाद पायलट ने ट्रांसपोंडर बंद कर दिया। ट्रांसपोंडर बंद होने के बाद किसी भी उड़ान को ट्रैक नहीं किया जा सका, इसलिए उड़ान खो गई। जब सेना को बचाव के लिए बुलाया गया, तो पता चला कि उड़ान मार्ग को उत्तरी मलेशिया और पेनांग द्वीप पर मोड़ दिया गया था। उसे अंडमान सागर में इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप की ओर जाते हुए देखा गया और फिर वह लापता हो गई। उस विमान का मलबा आज तक नहीं मिल पाया है। 7 साल की खोज के बाद 2017 में खोज अभियान बंद कर दिया गया था, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने अचानक विमान के लापता होने का रहस्य सुलझाने का दावा किया है।