केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल का आज दूसरा साल पूरा हो गया है। इन दो सालों में मोदी सरकार ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं तो पग-पग पर चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। मोदी सरकार 2.0 के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह (Amit Shah) को भी जगह मिली। मोदी-शाह की इस जोड़ी ने कुछ ही महीनों में असंभव को संभव कर दिखाया। अमित शाह को गृहमंत्रालय की जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने 70 सालों से लटका मामला पल-भर में खत्म कर दिया। दूसरे कार्यकाल के कुछ महीनों के भीतर ही जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 खत्म करके अपने इरादों को साफ कर दिया।
नरेंद्र मोदी ने 2014 में अच्छे दिन के वादे के जरिए सत्ता पर काबिज हुए और 2020 में आत्मनिर्भर का नारा दिया। दूसरे कार्यकाल के 2 सालों में मोदी की ऐसी छवि बनी है कि वो कड़े फैसले लेने में हिचकते नहीं हैं और नई लीक बनाने की भी कोशिश करते हैं। मोदी इस बात से भी बेफिक्र रहते हैं कि जिस राह पर चलने का फैसला किया है वो कहां जाएगी और क्या नतीजे मिलेंगे। कश्मीर में अलगाववाद और विद्रोह को चारा मुहैया करना वाले अनुच्छेद 370 का खात्मा सरकार ने ऐसे ही किया तो आतंकवाद पर भी नकेल कसने का काम सरकार ने किया।
मोदी राज के आज 7 साल पूरे हो रहे हैं और दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के 6 महीने भी पूरे हो रहे हैं। नए कृषि कानून मोदी सरकार के लिए गले में हड्डी बनकर रह गए हैं। मोदी सरकार इन कानूनों को किसान के हित में बता रही है तो वहीं किसान इन्हें रद्द कराने की मांग पर पिछले 6 महीने से अड़े हुए हैं। सरकार ने कानूनों में बदलाव करने का भी प्रस्ताव रखा था, जिसे किसान नेताओं ने अस्वीकार कर दिया था। किसान नेता इन कानूनों को रद्द कराने की मांग पर ही अड़े बैठे हैं।
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