07-04-2023, Friday
मालावथ पूर्णा को भारत की सबसे कम उम्र की महिला एवरेस्ट पर्वतारोहक के सम्मान से नवाजा गया है।
हिमालय पर्वत की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट मानी जाती है। इसे फतह करना बड़े-बड़े पर्वतारोहको के लिए भी आसान नहीं है। ऐसे में महज़ 13 वर्ष 11 महीने की उम्र में मालावथ पूर्णा ने 25 मई 2014 के रोज विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर कदम रखकर फतेह हासिल की ,और सबसे छोटी उम्र की युवा पर्वतारोहक के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया है। किसान पिता के घर तेलंगाना में निजामाबाद के पकल गांव में 10 जून 2000 को पूर्णा का जन्म हुआ। बचपन से ही उसकी नजर में एवरेस्ट समा गया था। सबसे कम उम्र की महिला पर्वतारोहक बनने के बाद उसने पिता पुत्र की जोड़ी के साथ सेवन समीट पर भी फतह हासिल की। वर्ष 2016 में माउंट किलिमंजारो, 2019 में कार्ट्सनेज पिरामिड ,माउंट एकोनकागुआ ,माउंट विंसन मैसिफ, और वर्ष 2022 में माउंट डेनाली पर उसने फतह हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसकी इस फतह की प्रशंसा की, और यूं ही आगे बढ़ते रहने की सीख दी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि उसके जीवन पर आधारित वर्ष 2017 में राहुल बोस ने फिल्म बनाई ,Purna: courage has no limit”. इस फिल्म को 31 मार्च 2017 के रोज पाम स्प्रिंग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया, जहां पर 30 सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्मों में इस फिल्म को नामित किया गया ।यह फिल्म हिंदी, अंग्रेजी और तेलुगु तीन भाषाओं में बनाई गई थी।
सबसे कम उम्र की पर्वतारोहोनी बनी पूर्णा मालावथ, भारत देश का गौरव है।जिस पर हम सबको नाज़ है
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