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25 Feb. Delhi: देशभर के 8 करोड़ से ज्यादा व्यापारियों ने कल भारत बंद का एलान किया है। 26 फरवरी को सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे। व्यापारियों के शीर्ष संगठन द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी (GST) व्यवस्था को सरल बनाने की मांग को लेकर इस बंद का ऐलान किया है। इसी के साथ सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने कैट के समर्थन में इसी दिन ‘चक्का जाम’ का ऐलान किया है।

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से GST के कठोर प्रावधानों को खत्म करने की मांग को लेकर 26 फरवरी को देश भर में 1500 स्थानों पर धरना भी दिया जाएगा। देश भर के सभी बाजार बंद रहेंगे और सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में विरोध स्वरूप धरना का आयोजन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कैट के भारत बंद के आह्वान को ‘ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसएिशन (AITWA) समर्थन कर रहा है और 26 फरवरी को चक्का जाम करेगा।

क्या है कैट की प्रमुख मांगें?

– कैट ने सरकार के सामने GST प्रणाली को आसान और युक्तिसंगत बनाने के लिए मांग रखी है। वहीं टैक्स स्लैब की समीक्षा करने की मांग रखी है। कैट ने इस बारे में सरकार से बात की।

– कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि, चार वर्षों में जीएसटी नियमों में अब तक लगभग 950 संशोधन किये गए हैं। GST पोर्टल पर तकनीकी खामियों से जुड़े मुद्दे तथा अनुपालन बोझ बढ़ा कर व्यवस्था की प्रमुख खामिया बताई हैं। जानकारी के अनुसार कैट ने ‘भारत बंद’ के ऐलान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।

– संगठन ने इस पत्र में GST व्यवस्था से संबंधित मुद्दों तथा प्रमुख कंपनियों के द्वारा ई-वाणिज्य नियमों के कथित उल्लंघन का जिक्र किया। कैट ने प्रधानमंत्री से जीएसटी संरचना की समीक्षा कर सरकार को सलाह देने के लिये केंद्रीय स्तर पर विशेष कार्य समूह गठित करने की भी मांग की, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी, कैट के प्रतिनिधि और स्वतंत्र कर विशेषज्ञ शामिल हों।