25 Feb. Delhi: गुरुवार को PNB घोटाले में वॉन्टेड हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन की कोर्ट में आखिरी सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने नीरव को भारत भेजने की इजाज़त दे दी। लंदन में वर्चुअल हियरिंग के बाद जज सेमुअल गूजी ने कहा कि, ‘नीरव मोदी को भारत में चल रहे केस में जवाब देना होगा।’ उन्होंने माना कि नीरव मोदी ने सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को डराने की साजिश रची।
जज ने कहा कि, नीरव मोदी को भारत भेजा जाता है तो ऐसा नहीं है कि उन्हें वहां इंसाफ न मिले। कोर्ट ने नीरव मोदी की मानसिक स्थिति ठीक न होने की दलील भी खारिज कर दी है। कहा कि ऐसा नहीं लगता उन्हें ऐसी कोई परेशानी है। कोर्ट ने मुंबई की ऑर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 को नीरव के लिए फिट बताया। साथ ही कहा कि भारत प्रत्यर्पण होने पर भी उन्हें इंसाफ मिलेगा।
पंजाब नेशनल बैंक के 14 हजार करोड़ से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी का आरोपी नीरव इस समय लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है। लंदन कोर्ट में जज सेमुअल गूजी के फैसले के बाद मामला अब ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के पास जाएगा। प्रत्यपर्ण को लेकर कोर्ट के फैसले पर गृह मंत्री प्रीति पटेल आखिरी मोहर लगाएंगी। इसके बाद भारत के इस वांटेड भगोड़े को मुंबई जेल लाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि इसके बाद भी नीरव के पास हाईकोर्ट में अपील करने का रास्ता खुला है।
वकीलों ने नीरव को मानसिक रूप से बीमार होने की बात सामने रखी थी
इससे पहले वकीलों ने दावा किया कि नीरव मोदी मानसिक रूप से बीमार है। साथ ही उन्होंने भारत की जेल में सुविधाएं न होने के दावे किए। भारतीय एजेंसियों की ओर से क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) मामले की पैरवी कर रहा है। CPS की बैरिस्टर हेलन मैल्कम ने कहा था कि मामला बिल्कुल साफ़ है। नीरव ने तीन पार्टनर वाली अपनी कंपनी के जरिये अरबों रुपए का बैंक घोटाला किया। जबकि बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि मामला विवादित है। नीरव मोदी पर गलत आक्षेप लगाए गए हैं।
क्या है पूरा मामला
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में करीब 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी की। यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई। उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले CBI और ED ने दर्ज किए हैं। इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी मोदी के खिलाफ भारत में दर्ज हैं। नीरव मोदी ने अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में चुनौती दी थी जिसे ख़ारिज कर दिया गया।
आपको बता दें कि, नीरव मोदी 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार होने के बाद से जेल में है। उसने कई बार जमानत हासिल करने की कोशिश की थी, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज हो गई, क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम है।
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