CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Sunday, February 23   8:25:23

कोरोना महामारी में पत्रकार

देश में कोरोना की दूसरी लहर ने अपना रौद्र रूप धारण कर रखा है। हालांकि पिछले तीन दिनों में कोरोना के नए मामलों में कमी देखने को मिली है, लेकिन मौत का आंकड़ों में कोई गिरावट दर्ज नहीं हो रही है।

जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने मीडिया इंडस्ट्री पर जमकर कहर बरपाया, जबकि पहली लहर में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक, पहली लहर के दौरान अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक सिर्फ 56 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई थी। वहीं, दूसरी लहर में एक अप्रैल 2021 से 16 मई 2021 तक 171 पत्रकारों की मौत हो गई। जनवरी से अप्रैल के दौरान 11 पत्रकारों को कोरोना ने निगल लिया था। पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में जान गंवाने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या में कमी आई। हालांकि, पत्रकार इतने भाग्यशाली नहीं रहे। कोरोना काल में लगातार ड्यूटी करने के बावजूद पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा नहीं दिया गया। न ही उन्हें टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता मिली। इसका नतीजा यह रहा कि अब तक 300 से ज्यादा पत्रकारों ने अपनी जान गंवा दी, जिनमें कई दिग्गज पत्रकार भी शामिल थे।  कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों ने अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर नौकरी की। साथ ही, सैकड़ों फ्रंटलाइन वर्कर्स ने अपनी जान भी गंवाई। यही वजह है कि देश में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ तो सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए गए। इसका नतीजा कोरोना की दूसरी लहर के दौरान नजर आया।
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ग्राउंड पर जाकर रिपोर्टिंग कर रहे रिपोर्टरों और लगातार ऑफिस जा रहे पत्रकारों को न तो फ्रंट लाइन वर्कर माना गया और न ही उनको वैक्सीन में प्राथमिकता मिली। परिणाम ये हुआ कि कई नामी गिरामी पत्रकारों सहित अलग-अलग राज्यों में 300 से ज्यादा मीडियाकर्मी कोरोना की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं।
इसे त्रासदी ही कहेंगे कि अप्रैल के महीने में हर रोज औसतन तीन पत्रकारों ने कोरोना के चलते दम तोड़ा। मई में यह औसत बढ़कर हर रोज चार का हो गया। कोरोना की दूसरी लहर में देश ने कई वरिष्ठ पत्रकारों को खो दिया।