मैंने वीडियो भेज दिया है, आता होगा!
छत पर जाओ, वहां नेटवर्क आएगा!
ऐसी बातें हमने अक्सर सुनी और कही है क्योंकि भारत में इंटरनेट नेटवर्क स्पीड विश्व स्तर क se बहुत नीचे है।
विश्व में मोबाइल डेटा की स्पीड में भारत का स्थान में 128वां है, जिससे साफ जाहिर होता है कि भारत में डेटा स्पीड बढ़ाने की कितनी जरूरत है। भारत के मुकाबले पाकिस्तान और नेपाल जैसे देश भी डेटा स्पीड में ऊंचे स्थान पर है।
चलिए इसके कारण समझने की कोशिश करते हैं।
पहला कारण – भारत आज दुनिया भर में मोबाइल ग्राहकों का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है जिसका कारण भारत की आबादी है। भारत में मोबाइल फोन की बढ़ती मांग के चलते देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की तादाद पिछले 2 दशकों में कई गुना बढ़ी है। इस बढी हुई उपभोक्ता संख्या की इंटरनेट डिमांड भी कई गुना बढ़ गई है जिसकी पूर्ति के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है। इसी कारण मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज़रूरत से ज़्यादा लोड आ जाता है और स्पीड कम हो जाती है।
डेटा पैक कीमत- 2015 में रिलायंस जियो(JIO) के आने के बाद भारत में इंटरनेट डेटा कि कीमत एक बड़े मार्जिन से गिर गई थी। जियो से प्रतियोगिता के चलते सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने डेटा प्लान की कीमत कम कर दी थी जिससे कि सामान्य नागरिक उनका सिम कार्ड खरीदने में सक्षम हो सके और कम कीमत वाला डेटा पैक खरीदे। 2019 के आंकड़ों के हिसाब से भारत में विश्व का सबसे सस्ता इंटरनेट पैक मिलता था। भारत में 1 जीबी(1GB) डेटा 0.26$(19.40rs) था जबकि अमेरिका में 1 जीबी डेटा 12.37$(924.22rs) था, ब्रिटेन में 1 जीबी डेटा 6.66$(497.60rs) और दुनिया का औसत मूल्य 8.53$ (637.29rs)था।इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि भारत में इंटरनेट डेटा कितने सस्ते मूल्य पर बिक रहा है जिसका प्रभाव टेलीकॉम कंपनियों पर पड़ रहा है। इतने सस्ते डेटा के चलते प्रत्येक भारतीय 1 दिन में 1GB से ज्यादा डेटा इस्तेमाल करता है और टेलीकॉम कंपनियां घाटे में चली जाती है जिसकी वजह से ये कंपनियां अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत नहीं कर पाती।
देश की अर्थव्यवस्था में टेलीकॉम सेक्टर का एक बड़ा योगदान है। 2020 के अनुसार टेलीकॉम सेक्टर का जीडीपी (GDP) में 6% सीधा योगदान था। यह सेक्टर देश में सबसे ज़्यादा रोज़गार प्रदान करने वाला क्षेत्रों में से एक है। इसके अलावा भारत में टेलीकॉम सेक्टर का देश के फ डी ई(FDI) इनफ्लो में से 7% योगदान है जो कि तीसरे स्थान पर है।
इन आंकड़ों के बावजूद टेलीकॉम सेक्टर एक बहुत गहरी खाई में गिरा हुआ है, जिससे निकलना बहुत मुश्किल है। भारत में टेलीकॉम सेक्टर में फाइबर तकनीक का इस्तेमाल भी बहुत छोटे स्तर पर हो रहा है और इसको मज़बूत बनाने की जरूरत है।
भारत में आज 5G के सपने देखे जा रहे है जबकि भारत को हकीकत में 4G का स्वाद भी अच्छे तरीके के नहीं मिला है। भारत को 5G के लिए तैयर करने के लिए सरकार और टेलीकॉम कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनाने की जरूरत है।
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