आज यानि एक मई को 61 साल पहले गुजरात और महाराष्ट्र की स्थापना हुई थी। इन दोनों राज्यों की स्थापना 1 मई, 1960 को हुई थी। दोनों राज्यों के लोग आज के दिन बड़ी धूमधाम से स्थापना दिवस मनाते हैं।
यह बात 1960 से पहले की है जब दोनों राज्य बॉम्बे का हिस्सा हुआ करते थे। बॉम्बे में मराठी और गुजराती दोनों भाषाएं बोली जाती थीं।धीरे-धीरे दोनों भाषाओं के लोगों के बीच अलग राज्य की मांग उठने लगी। भाषा के आधार पर यह लोग अपने लिए राज्य की मांग कर रहे थे।
और फिर इसी के चलते 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कई राज्यों का गठन किया गया। इस 1956 के अधिनियम के अंतर्गत तेलुगु बोलने वालों को आंध्र प्रदेश, कन्नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्य बना, वहीं मलयालम बोलने वालों के लिए केरल और तमिल भाषी लोगों के लिए तमिलनाडु बना।
सभी अलग अलग भाषाओं को अपने अलग अलग राज्य तो मिल गए थे लेकिन बॉम्बे शहर के मराठी और गुजरातियों को अपने अलग राज्य नही मिले थे, जिसके चलते गुजराती और मराठी लोगों ने बॉम्बे में आंदोलन करना शुरू कर दिया। इन आंदोलनों में से एक “महा गुजरात आंदोलन” भी किया गया था। जिसके बाद लोगों की मांग के अनुसार महाराष्ट्र समिति का गठन हुआ और 1960 में बॉम्बे का बटवारा कर, दो राज्यों का गठन हुआ जिसको आज “गुजरात” और “महाराष्ट्र” के नाम से जाना जाता है। इसी खुशी में दोनों राज्यों के लोग आज के दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
लेकिन इस साल पूरा भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा खराब हालत आज महाराष्ट्र राज्य की बनी हुई हैं। जिसके चलते इस साल किसी भी तरह का कार्यक्रम कही भी नहीं किया गया। आशा है की जल्द सब ठीक होगा और आने वाले समय में दोनो राज्य अपने स्थापना दिवस को खूब धूमधाम से मनाएंगे।
आज प्रधानमंत्री मोदी सहित कई अन्य मंत्रियों ने गुजरात और महाराष्ट्र स्थापना दिवस की शुभकामनाए देते हुए ट्वीट किया है।
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