13 Mar. West Bengal: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उन्होंने करीब तीन साल पहले भाजपा को छोड़ा था और खुद को दलगत राजनीति से ही अलग कर लिया था। अब उनका कहना है कि देश एक अद्भुत संकट से गुजर रहा है, इसलिए उन्होंने दोबारा राजनीति में आने का फैसला किया है। उन्होंने कोलकाता में TMC भवन पहुंचकर तृणमूल का झंडा थामकर पार्टी की सदस्यता ली है।
इस मौके पर सिन्हा ने कहा, ‘आज की जो घटना है उसके बारे में आपको आश्चर्य हो रहा होगा। सोच रहे होंगे कि, जब मैंने खुद को दलगत राजनीति से अलग कर फिर मैं पार्टी में शामिल होकर एक्टिव क्यों हो रहा हूं। दरअसल, इस समय देश अद्भुत परिस्थिति से गुजर रहा है। अब तक जिन मूल्यों को हम बहुत महत्व देते थे, यह सोचकर चलते थे कि इस पर प्रजातंत्र में अमल करेंगे, आज उनका अनुपालन नहीं हो रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘प्रजातंत्र की ताकत प्रजातंत्र की संस्थाएं होती हैं। आज लगभग हर संस्था कमजोर हो गई है, उसमें देश की न्यायपालिका भी शामिल है। हमारे देश के लिए ये सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है।’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा के साथी दल उन्हें छोड़कर जा रहे हैं। सबसे पुराना साथी अकाली दल भी उनसे अलग हो चुका है। शिवसेना ने भी उनसे किनारा कर लिया है। जेडीयू को छोड़कर कोई महत्वपूर्ण पार्टी अब उनके साथ नहीं है। वे इसके काबिल ही नहीं है। देश में काफी गंभीर लड़ाई चल रही है। यह केवल चुनाव की लड़ाई नहीं है, ये देश की अस्मिता की लड़ाई है।’
उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी। बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा।’
उन्होंने कहा , ‘मैं बहुत अफसोस के साथ कह रहा हूं कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रही है। तोड़-मरोड़ कर चुनाव (8 चरणों में मतदान) कराने का फैसला मोदी-शाह के नियंत्रण में लिया गया है और भाजपा को फायदा पहुंचाने के ख्याल से लिया गया है।’
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