4 Jan. Vadodara: गुजरात के महीसागर जिले के वांदरवेड गांव में किसान बलवंत सिंह चारण नाम ने आत्महत्या कर ली। पंचायत में फांसी लगाने से पहले बलवंत ने लुणावाडा के भाजपा सांसद और विधायक के नाम एक चिट्ठी छोड़ी, जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं भाजपा को अपना परिवार मानता था, लेकिन कोई मेरे काम नहीं आया।
सुसाइड नोट से पता चला है कि बलवंत की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और उन्हें किसी तरह की सरकारी सहायता नही मिल पा रही थी। इस वजह से उन्होंने मौत को गले लगा लिया।
बलवंत ने सुसाइड नोट में लिखा कि, “भारत माता की जय, भाजपा की जय-जयकार। संसद सदस्य रतन सिंह राठौड़ साहब और विधायक जिज्ञेशभाई सेवक साहब। आप गरीबों की मदद कर सकें, इसीलिए भगवान ने आपको इतनी बड़ी पदवी तक पहुंचाया है। मैं गरीब इंसान हूं। कई साल से भाजपा से जुड़ा हुआ हूं। मेरी तो आत्मा भी भाजपा में ही बसती है। मरने के बाद मेरी आत्मा भी भाजपा के साथ ही रहेगी।
उन्होंने आगे लिखा कि मैं तहसील प्रमुख बना था, तभी से भाजपा को अपना परिवार मानता आया हूं। तहसील प्रमुख रहने तक पूरी लगन और ईमानदारी से काम किया। इसके बाद फिर हालात बदले और कोई भी मेरे काम नहीं आया।
नोट में लिखा कि मैंने अपने पद का कभी दुरुपयोग नहीं किया। मैंने आर्थिक मदद के लिए कई बार गुहार लगाई, लेकिन आज तक मुझे कोई सरकारी सहायता नहीं मिल सकी। यहां तक कि मेरे घर में शौचालय तक नहीं बन सका। घर या बाकी मदद तो बहुत दूर की बात है। बलवंत के गांव वालों का कहना है कि उनकी खुदकुशी के लिए जिम्मेदार सरकारी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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