पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरण बदलने शुरू हो गए हैं। किसान आंदोलन के मुद्दे पर बीजेपी से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने 25 साल बाद एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ आने का ऐलान कर दिया है। साथ ही सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी तय कर लिया गया है।
चंडीगढ़ में अकाली दल के मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और BSP के नेता सतीश मिश्रा ने साथ आने की घोषणा की। इस दौरान बादल ने कहा कि दोनों दलों की सोच एक जैसी है। दोनों किसान, मजदूर और गरीबों की बात सुनते हैं। बादल ने कहा कि आने वाले समय में पंजाब विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टी मिलकर बेहतर प्रदर्शन करेंगी।
अकाली दल ने BSP के लिए 20 सीटें छोड़ने का ऐलान किया है। BSP माझा में 5, दोआबा में 8 और मालवा इलाके में 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इनके अलावा बची हुई 97 सीटों पर अकाली दल अपने उम्मीदवार उतारेगी। पंजाब में कुल 117 विधानसभा सीटें हैं।इससे पहले दोनों दलों ने 1996 के विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़ा था। लेकिन यह गठबंधन एक साल ही चला और अकाली दल 1997 में बीजेपी के साथ आ गया था।
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