18-04-2023, Tuesday
कानून बनाना संसद का काम,कोर्ट इससे दूर रहे : केंद्र
केंद्र ने सेम सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट में दूसरा हलफनामा पेश किया और इसके पक्ष में दायर याचिकाओं पर सवाल उठाए। सरकार ने कहा कि यह केवल शहरी एलीट क्लास का नजरिया है और इन याचिकाओं का मकसद ऐसी शादी को सिर्फ सामाजिक स्वीकार्यता दिलाना है। केंद्र ने कहा कि सेम सेक्स मैरिज पर फैसला करना संसद का काम है। कोर्ट को इस पर फैसले से दूर रहना चाहिए।
केंद्र सरकार ने कहा कि सभी धर्मों में विवाह का एक सामाजिक महत्व है। हिन्दू में विवाह को संस्कार माना गया है, यहां तक की इस्लाम में भी। इसलिए इन याचिकाओं काे खारिज कर देना चाहिए। केंद्र सरकार ने कहा था- भले ही सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 377 को डीक्रिमिनलाइज कर दिया हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि याचिकाकर्ता सेम सेक्स मैरिज के लिए मौलिक अधिकार का दावा करें।
More Stories
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, खत्म हुई ‘No Detention Policy’, जानें क्या हुए बदलाव
पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाली शूटर मनु भाकर को ‘खेल रत्न’ की लिस्ट से क्यों किया गया बाहर?
नालंदा की वो मस्जिद जिसकी देखभाल करते हैं हिंदू, सांप्रदायिक सद्भावना की अद्भुत मिसाल