02 Apr. Vadodara: देश दुनिया के साथ-साथ वड़ोदरा में भी कोरोना संक्रमण पिछले 15 दिनों में काफी बढ़ गया है ऐसे में शहर की स्थिति नागरिकों और प्रशासन के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।
वडोदरा शहर में कोरोना संक्रमण रफ्तार पकड़ चुका है,निजी अस्पताल में बेड की कमी लगातार सामने आ रही है। अस्पतालों में किन मरीजों को भर्ती करना है और किन्हें नहीं यह असमंजस भी देखा जा रहा है। सरकारी प्रोटोकॉल के तहत 60 साल से ज्यादा के मरीज़,कोमोरबिड और सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को पहले भर्ती किया जा रहा है। जिन्हें ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत है,ऑक्सीजन लेवल 94% से कम हो,तीन दिनों से लगातार बुखार आ रहा हो, सांसो की गति तेज हो, ब्लड प्रेशर 100 से कम हो,हार्ट रेट ज्यादा हो,उन्हें अस्पताल में भर्ती होने का पहला मौका दिया जा रहा है।
शहर में कोरोना टेस्टिंग हजारों की संख्या में की जा रही है और सैंकड़ो लोग पोज़िटिव भी आ रहे हैं।वड़ोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी की विभिन्न फैकल्टी में छात्र प्रोफेसर और कर्मचारियों में करीब 80 लोग कोरोना संक्रमण का शिकार बने हैं। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से जुड़े हुए 10 कर्मचारी भी पॉजिटिव आए हैं ऐसे में 50% कर्मचारियों को work-from-home के आदेश दे दिए गए हैं।
गोत्री अस्पताल में एक्टिव केस 500 से ज्यादा है।ऐसे में वडोदरा के अस्पतालों में बेड बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों को जोड़ने की कवायद भी OSD डॉ विनोद राव ने शुरू कर दी है।उसके बावजूद बड़ी संख्या में 79 लोगों की मौत हो रही है और ऐसे मृतकों के अंतिम संस्कार का मैनेजमेंट भी अब गड़बड़ा गया है।
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