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L&T chairman SN Subrahmanyan (3)

L&T chairman के 90 घंटे काम करने के बयान पर विवाद, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी सावधान रहने की सलाह

L&T chairman SN Subrahmanyan: L&T के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एसएन सुब्रह्मण्यन ने हाल ही में 90 घंटे काम करने की सलाह दी, जिससे वर्क और लाइफ बैलेंस पर बहस छिड़ गई है। उनका कहना है कि उन्हें अफसोस है कि उनके कर्मचारी रविवार को भी काम नहीं कर सकते।

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय तक काम करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यहां तक कि ये आपकी जान भी ले सकते हैं।

यूएन रिपोर्ट: लंबे समय तक काम करने के स्वास्थ्य पर प्रभाव
2021 में प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, काम से संबंधित चोटों और बीमारियों के कारण हर साल लगभग 20 लाख लोग मारे जाते हैं।

विशेष रूप से, 2016 में 19 लाख मौतें काम से जुड़े कारणों से हुईं। इनमें क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (415,000 मौतें), स्ट्रोक और हृदय रोग मुख्य कारण रहे।

एसएन सुब्रह्मण्यन के बयान पर प्रतिक्रियाएं
सुब्रह्मण्यन के 90 घंटे के कार्य-सप्ताह के सुझाव पर कई लोगों ने नाराज़गी जताई है। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने इंस्टाग्राम पर इसे “मानसिक स्वास्थ्य के प्रति असंवेदनशील” कहा।

एलएंडटी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान भारत की प्रगति और विकास के लिए असाधारण प्रयासों की आवश्यकता को दर्शाने वाला था।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. बिपीनचंद्र भामरे (सिर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल, मुंबई) ने कहा, “काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है।”
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट शिल्पी सरस्वत ने भी बताया कि आजकल 25-48 साल के युवा तनाव और चिंता जैसी समस्याओं के कारण इलाज के लिए आ रहे हैं।

स्वस्थ रहने के लिए सुझाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कुछ उपाय बताए हैं जो लंबे कार्य समय से जुड़े तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं:

  • काम के बीच छोटे ब्रेक लें।
  • ध्यान और रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं।
  • तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें।
  • कार्यस्थल पर लचीलापन बढ़ाएं।
  • अपनी भावनाओं को पहचानें।
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
  • स्वस्थ आहार लें।
  • सोशल सपोर्ट बनाए रखें।
  • स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
  • डिजिटल डिवाइस से समय-समय पर दूरी बनाएं।
  • मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्राप्त करें।
  • ‘मी टाइम’ का आनंद लें।
  • यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें।हालांकि भारत की आर्थिक प्रगति के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन व्यक्तिगत और सामूहिक स्वास्थ्य से समझौता करना खतरनाक साबित हो सकता है। कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखना और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना आज की प्रमुख आवश्यकता है।