आपने अंडे के बीच में मिलने वाली जर्दी का रंग पीला ही देखा होगा, लेकिन अब हरे रंग की जर्दी वाला अंडा भी देखने मिला है। पिछले साल ही केरल के मल्लापुरम स्थित एक गांव में रहने वाले शीहाबुद्दीन की मुर्गियों ने हरे रंग की जर्दी वाले अंडे दिए। इसके बाद इस अंडे का फंडा जानने के लिए कई तरह की जानकारियों को जुटाया गया, रिसर्च किया गया।अब इसके कारण का भी पता लगाया जा चुका है कि आखिर क्यों इन मुर्गियों के अंडे की जर्दी पीली नहीं बल्कि हरे रंग की होती हैं। हम आपको यह भी बताएंगे कि आखिर अंडे में ऐसा क्या होता है जिससे उसकी जर्दी का रंग सफेद या रंगहीन न होकर पीला ही होता है?
दरअसल, शीहाबुद्दीन ने 6 मुर्गीयां पाल रखी हैं।इनमें से पहली मुर्गी ने जब हरे रंग की जर्दी वाला अंडा दिया तो वो चौंक गए।सोशल मीडिया पर इसके फोटो अपलोड होने के बाद देश-विदेश से कई लोगों ने इस बारे में पता लगाने के लिए संपर्क भी करना शुरू कर दिया। केरल के वेटरीनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (KVASU) ने इस बारे में एक स्टडी कर पता भी लगाया कि आखिर क्यों इन मुर्गियों के अंडे की जर्दी पीले रंग की न होकर हरे रंग की है?हरी जर्दी वाले अंडे देने वाली इन मुर्गियों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई लोगों ने इसे खरीदने की भी पेशकश की।इन मुर्गियों को खरीदने के लिए शीहाबुद्दीन को एक व्यक्ति ने 1 लाख रुपये तक का ऑफर दिया था।
शुरुआत में तो हरे रंग की जर्दी वाला अंडा शीहाबुद्दीन के परिवार तक ने नहीं खाया।उन्होंने इन अंडों को छोड़ दिया।जब इन अंडों से चूजे निकले, तब उन्हें भरोसा हुआ कि हरी जर्दी वाले अंडे खाये जा सकते हैं। खास बात है कि इन अंडों का स्वाद बिल्कुल सामान्य अंडों की तरह ही है।सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तो कई लोगों ने उनसे इस अंडे की मांग भी की थी।हालांकि, उन्होंने इनकार कर दिया। शीहाबुद्दीन ने कहा कि जब तक KVASU के वैज्ञानिक इसके कारण का पता नहीं लगा लेते, तब तक वो एक भी अंडा नहीं बेचेंगे।
इस बारे में स्टडी के बाद KVASU के वैज्ञानिकों का मानना है कि इन मुर्गियों को कुछ खास तरह का खाना खिलाया गया था, जिसकी वजह से इन अंडों की जर्दी हरे रंग की है।अब इनका कहना है कि संभवत: यह हरा रंग मुर्गियों को दी जाने वाले हरे खाने की वजह से है।शीहाबुद्दीन इन मुर्गियों को कुछ खास नहीं खिलाते हैं।इन मुर्गियों को वो पौधों के हरे पत्ते, केले के हरे पत्ते, हल्दी और पालक खिलाते हैं। इसके अलावा चावल, गेहूं और नारियल का पल्प भी खिलाते हैं।
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