CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Sunday, February 23   3:02:31
Basketball Day

Basketball Day: वडोदरा में 1955 को हुई थी बास्केटबॉल खेल की शुरुआत

Basketball Day: आज का दिन दुनिया में बास्केटबॉल डे के रूप में मना रहा है। बास्केटबॉल के गौरवशाली सफर को मनाने का दिन, जो खेल के विकास, उपलब्धियों और प्रेरणादायक किस्सों को याद करता है। यह दिन खिलाड़ियों और प्रशंसकों के लिए गर्व का प्रतीक है। क्या आपको पता हैं वडोदरा में भी बास्केटबॉल का इतिहास बहुत पुराना है। चलिए एक नजर डालते हैं इसकी शुरुआती कहानी पर-

वडोदरा में बास्केटबॉल की शुरुआत 1955 में हुई, जब अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से मास्टर्स कर लौटे बालुभाई नायक ने MS यूनिवर्सिटी के फिजिकल डायरेक्टर के तौर पर इस खेल को बढ़ावा दिया। उसी समय रोज़री स्कूल के ब्रदर फिलिप ने बास्केटबॉल का पहला सिमेंटेड मैदान तैयार करवाया। इस खेल का सबसे रोमांचक मोड़ 53 साल पहले आया, जब रूस और यूगोस्लाविया की टीमों ने भारतीय राष्ट्रीय टीम के साथ वडोदरा में टेस्ट मैच खेले। हालांकि, इन मैचों में विदेशी टीमें जीत गईं, लेकिन वडोदरा ने बास्केटबॉल के इतिहास में अपनी पहचान बना ली।

वडोदरा में बास्केटबॉल के विकास का श्रेय क्रिश्चियन स्कूलों को भी जाता है। लगभग 65 साल पहले, कॉन्वेंट स्कूल के कोच महेश बखाई ने लड़कियों को बास्केटबॉल की ट्रेनिंग देनी शुरू की। इसके बाद गुजरात क्रीड़ा मंडल, भवन्स स्कूल, आईपीसीएल और रिफाइनरी स्कूल ने बास्केटबॉल के मैदान बनाए और इस खेल को स्कूल और कॉलेज स्तर पर प्रोत्साहन दिया।

रोचक किस्से जो इतिहास बन गए
वडोदरा के बास्केटबॉल इतिहास में कई दिलचस्प किस्से हैं। एक किस्सा 50 साल पुराना है, जब वडोदरा की टीम को कोलकाता में होने वाली नेशनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट में हिस्सा लेना था। उस समय वडोदरा से कोलकाता के लिए सीधी ट्रेन 15 दिन में केवल एक बार चलती थी। इस वजह से टीम को 10 दिन पहले ही कोलकाता के लिए रवाना होना पड़ा।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वडोदरा का प्रभाव
वडोदरा ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर बास्केटबॉल में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। 1982 में एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप में वडोदरा के केबी देसाई भारतीय बास्केटबॉल महासंघ की कमेटी के सदस्य बने। अब तक वडोदरा के 1,000 से अधिक खिलाड़ी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं।

खेल का विस्तार और भविष्य
वर्तमान में वडोदरा में 100 से अधिक स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में बास्केटबॉल के मैदान हैं। वडोदरा के कोच अर्जुनसिंह मकवाणा ने इस खेल के इतिहास पर शोध किया और बताया कि वडोदरा का योगदान बास्केटबॉल के विकास में महत्वपूर्ण रहा है।

वडोदरा का बास्केटबॉल का सफर सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है। यह खेल न केवल खिलाड़ियों को आत्मविश्वास देता है, बल्कि वडोदरा को खेल जगत में एक नई पहचान भी दिलाता है।