1 Jan. Vadodara: शहर के गायकवाड़ परिवार ने यूनिवर्सिटी और बरोड़ा क्रिकेट एसोसिएशन दोनों की स्थापना की थी लेकिन बरोड़ा क्रिकेट एसोसिएशन अब यूनिवर्सिटी के सदस्यों को अपना सदस्य बनाने के लिए तैयार नहीं है।
महाराजा सयाजीराव गायकवाड ने शहर के युवकों को क्रिकेट के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए बरोड़ा क्रिकेट एसोसिएशन की स्थापना की थी और गायकवाड महाराज ने ही छात्रों को पढ़ाई के लिए एमएस यूनिवर्सिटी की भेंट भी दी थी, लेकिन अब बरोड़ा क्रिकेट एसोसिएशन अपने नियमों की दुहाई देते हुए एमएस यूनिवर्सिटी के सदस्य मयंक पटेल को BCA का सदस्य मानने के लिए तैयार नहीं है।
बरोड़ा क्रिकेट एसोसिएशन की इस तरह की मनमानी पर कई तरह के सवाल उठे हैं,वही एमएस यूनिवर्सिटी ने बीसीए द्वारा सालों से इस्तेमाल किए जा रहे डीएन हॉल क्रिकेट ग्राउंड नहीं देने की बात भी कही है ऐसे में बीसीए और एमएस यूनिवर्सिटी के बीच आपसी कलह का भोग वडोदरा शहर के खिलाड़ी बन सकते है।
BCA के सूत्रों ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, प्रबंध समिति में केवल निर्वाचित सदस्य शामिल होने चाहिए और एसोसिएशन के पास किसी के नामांकन को स्वीकार करने का अधिकार नहीं है।” बीसीए के सचिव अजीत लेले ने कहा, हमने इस संबंध में विश्वविद्यालय को लिखा है और नियमों पर भी विस्तार से बताया है। BCA, MSU द्वारा स्पष्टीकरण के बावजूद। सिंडिकेट की बैठक में बीसीए में इसका प्रतिनिधित्व करने के लिए सिंडिकेट और सीनेट सदस्य मयंक पटेल को सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया था। मजेदार बात यह है कि बीसीए जिस समिति का प्रतिनिधित्व करने की बात कर रहा है वह बीसीए में मौजूद नहीं है। हालांकि, आने वाले दिनों में समिति के गठन की संभावना है।
मयंक पटेल ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार नीति नियम के अनुसार, विश्वविद्यालय ने बीसीए को सूचित किया है कि विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधि को शीर्ष में एक आमंत्रित के रूप में जगह दी जानी चाहिए।”
लेकिन इस मुद्दे VNM TV से बातचीत के दौरान मयंक पटेल ने डीएन हॉल ग्राउंड बीसीए को नहीं देने की बात को खारिज किया।
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