CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Sunday, February 23   8:50:52

पंजाब की जेल से व्हील चेयर पर बाहर आने वाला गैंगस्टर बांदा जेल में खुद चलकर गया

07 Apr. Uttar Pradesh: पंजाब के रोपड़ से उत्तर प्रदेश के बांदा तक साढ़े 14 घंटे के सफर के बाद गैंगस्टर विधायक मुख्तार अंसारी बुधवार तड़के 4.30 बजे बांदा जेल पहुंचा। पंजाब में जहां मुख्तार व्हील चेयर से एंबुलेंस में सवार हुआ था, तो वहीं बांदा जेल में वह अपने पैरों पर खड़ा होकर अंदर गया। डॉक्टर्स के पैनल की जांच में वह पूरी तरह फिट पाया गया। हालांकि, उसके चेहरे पर घबराहट देखने को मिली थी।

बांदा जेल में मुख्तार को जेल प्रशासन ने सरप्राइज दिया। शुरूआत में मुख्तार को बैरक नंबर 15 में रखे जाने का फैसला लिया गया था। दरहसल इस बैरक में मुख्तार पहले भी रह चुका है, लेकिन उसे बैरक नंबर 16 में भेज दिया गया। उसका कोरोना टेस्ट होना है। रिपोर्ट आने के बाद उसे बैरक नंबर 15 में रखा जाएगा। बता दें कि इसे तन्हाई जेल भी कहा जाता है। यानी इस बैरक में कोई और कैदी नहीं होगा। इस बैरक में CCTV भी लगाए गए हैं।

बता दें कि, बांदा जेल में क्षमता 558 कैदियों की है, लेकिन यहां 780 कैदी हैं। 1860 में अंग्रेज हुकूमत के समय बनी ये जेल ओवरलोडेड है। ऐसे में सिक्योरिटी पर असर पड़ता है।

VIP ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा

प्रदेश सरकार के जेल मंत्री जय प्रताप सिंह जैकी ने कहा कि, मुख्तार अंसारी को बांदा जेल के अंदर किसी भी तरह का VIP ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। आम कैदियों की ही तरह उसे सुविधाएं दी जाएंगी। CCTV से उसकी हर एक गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। जेल के अंदर आने वाले हर व्यक्ति पर भी नजर रखी जाएगी।

गैंगस्टर मुख्तार के खिलाफ 53 गंभीर मामले दर्ज हैं। उसके बांदा जेल में शिफ्ट होने पर जेल के बाहर भी कड़ी सुरक्षा की गई है। यहां 30 जवान तैनात किए गए हैं। बताया जा रहा है कि सुरक्षा को देखते हुए जिले में हाल ही में आए नए किराएदारों का वेरिफिकेशन भी करवाया जाएगा।

मुख्तार को कुंडली बॉर्डर से यूपी में कराया गया प्रवेश

UP पुलिस की टीम अंसारी को लेकर रोपड़ जेल से मंगलवार दोपहर 2.05 बजे रवाना हुई थी। पुलिस के काफिले में करीब 10 गाड़ियां थीं, पूरे रास्ते इनमें से आधी एम्बुलेंस के आगे तो आधी पीछे चलती रहीं। इन गाड़ियों में कुल 150 पुलिसकर्मी थे। पंजाब से यह काफिला पटियाला रोड होते हुए शाम चार बजे हरियाणा के करनाल पहुंच चुका था। पुलिस के काफिले ने हरियाणा-यूपी में कुंडली बॉर्डर से प्रवेश किया। इसके बाद नोएडा, मथुरा, आगरा और कानपुर देहात, हमीरपुर होते हुए सुबह 4.34 बजे मुख्तार को बांदा जेल पहुंचाया गया।

अंसारी के दादा आजादी से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे

मुख्तार अंसारी के दादा आजादी से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। दादा का नाम भी मुख्तार ही था, जबकि उसके नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान महावीर चक्र विजेता थे। वहीं, उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी मुख्तार के चाचा हैं। जबकि बड़े भाई अफजाल अंसारी ने 2019 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को गाजीपुर से हराया था। मुख्तार भी 5वीं बार विधायक है।

1996 में मुख्तार ने मऊ विधानसभा से बसपा के टिकट पर पहले चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद 2002, 2007, 2012 और 2017 का चुनाव जीता। 2009 में मुख्तार ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन तब उसकी हार हुई। 2010 में बसपा ने मुख्तार को पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद उसने अपने भाई अफजाल अंसारी के साथ मिलकर कौमी एकता दल बनाया था, लेकिन 2017 के चुनाव में इस दल को बसपा में मर्ज कर दिया था।

बैरक नंबर 15 में पहले भी 26 महीने रह चुका है मुख्तार

उत्तर प्रदेश के बांदा जेल की बैरक नंबर 15 में मुख्तार अंसारी पहले भी 26 माह रह चुका है। सपा और बसपा सरकार के चहेते अंसारी को 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद बांदा जेल में डर लगने लगा। 2018 में उसने हार्ट अटैक का ड्रामा रचा और आनन-फानन में प्रशासन ने उसे लखनऊ के IGI में भर्ती कराया। तो वहीं डाक्टर्स ने अंसारी को पूरी तरह फिट बताया था। अंसारी से पहले 15 नंबर बैरक में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया, पूर्व सांसद अतीक अहमद, सुरेश राणा, अनिल दुजाना और हरियाणा का सिंहराज भाटी भी रह चुका है।